न्यायमूर्ति राजेश बिंदल को केंद्र ने कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया, 29 अप्रैल से संभालेंगे कार्यभार
केंद्र ने कलकत्ता हाईकोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल को उस हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है।
वह मुख्य न्यायाधीश थोथाथिल बी. राधाकृष्णन की जगह लेंगे, जो 29 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
न्यायमूर्ति बिंदल ने 1985 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून में डिग्री प्राप्त हैं और इसी साल सितंबर में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कानूनी प्रैक्टिस शुरू की।
उन्हें 22 मार्च, 2006 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।
19 नवंबर, 2018 को उन्हें जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। वहां, उन्होंने दिसंबर, 2020 से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया।
उन्हें 31 दिसंबर, 2020 को कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया और 5 जनवरी, 2021 को कलकत्ता में शपथ दिलाई गई।
न्यायमूर्ति राधाकृष्णन ने अपना एल.एल.बी. बैंगलोर विश्वविद्यालय से किया और कानून की पढ़ाई के.जी.एफ. लॉ कॉलेज, कोलार गोल्ड फील्ड्स की। उन्होंने दिसंबर, 1983 में एक वकील के रूप में दाखिला लिया और 1988 में केरल हाईकोर्ट में स्थानांतरित हो गए।
उन्होंने 14 अक्टूबर, 2004 को केरल हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
उन्होंने 13 मई, 2016 से 1 अगस्त 2016 तक केरल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया और 16 फरवरी, 2017 की दोपहर को उन्हें छत्तीसगढ़ हाईकोर्टके मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली, जहां उन्होंने 18 मार्च, 2017 को से कार्य शुरू किया।
वह 18 मार्च, 2017 से 6 जुलाई, 2018 तक छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे।
उन्होंने 7 जुलाई, 2018 को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों के लिए हैदराबाद में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
उन्होंने 1 जनवरी, 2019 को तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
उन्होंने 4 अप्रैल, 2019 को कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है और इस महीने की 29 तारीख को वहां से सेवानिवृत्त होंगे।
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