कलकत्ता हाईकोर्ट ने टीएमसी विधायक मुकुल रॉय की पीएसी अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष के रूप में मुकुल रॉय की नियुक्ति पर राज्य सरकार को सुनवाई की अगली तारीख यानी 12 अगस्त तक अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने का समय दिया। अदालत ने टीएमसी विधायक की नियुक्ति को चुनौती देते हुए भाजपा विधायक अंबिका रे द्वारा दायर लिखित दलील को भी रिकॉर्ड में लिया। नौ जुलाई को पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष द्वारा वर्ष 2021-2022 के लिए मुकुल रॉय को पीएसी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने सुनवाई की आखिरी तारीख के दौरान संबंधित पक्षों को अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया था।
अदालत के समक्ष दायर याचिका में कहा गया था कि 11 जून को भाजपा से आधिकारिक रूप से इस्तीफा दिए बिना या कृष्णानगर उत्तर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक के रूप में मुकुल रॉय 11 जून, 2021 को टीएमसी पार्टी में शामिल हो गए थे।
मंगलवार को महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने याचिका की सुनवाई पर प्रारंभिक आपत्ति जताते हुए कहा कि पीएसी अध्यक्ष के रूप में टीएमसी विधायक मुकुल रॉय की नियुक्ति को चुनौती हाईकोर्ट के बजाय पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा सुनी जानी चाहिए।
उन्होंने आगे अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के लिखित निवेदन में एक महत्वपूर्ण तथ्य नहीं कहा गया। वह यह है कि अध्यक्ष द्वारा नियुक्ति की घोषणा सदन के सत्र के दौरान की गई थी।
दूसरी ओर वरिष्ठ वकील पी.वी नरसिम्हा ने तर्क दिया कि तत्काल मामले में कानून का एक अनूठा प्रश्न शामिल है कि क्या पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष नियुक्ति की ऐसी शक्तियों का प्रयोग 'संसदीय प्रक्रिया के एक भाग' के रूप में कर सकते हैं।
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 212 के तहत परिकल्पित बार आकर्षित नहीं है, क्योंकि नियुक्ति केवल अध्यक्ष द्वारा की गई थी और इसका सदन की प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है।
प्रस्तुतियाँ पर ध्यान देते हुए अदालत ने मामले को 12 अगस्त को सुबह 10:30 बजे आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
दोनों पक्षों को कानून के विवादित प्रश्न से संबंधित सभी प्रासंगिक निर्णयों को संकलित करने का निर्देश दिया गया है।
केस शीर्षक: अंबिका रॉय बनाम अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल विधान सभा और अन्य