कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2019 जगुआर दुर्घटना मामले में आरोपी को उमराह के लिए सऊदी अरब जाने की इजाज़त दी

Update: 2023-04-05 17:23 GMT

Calcutta High Court 

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को निचली अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें रमज़ान के महीने में उमराह करने के लिए मक्का जाने के एक आरोपी के आवेदन को खारिज कर दिया था।

जस्टिस बिबेक चौधरी ने कहा कि किसी व्यक्ति को उसके धर्म के पवित्र स्थान पर नमाज अदा करने की अनुमति देने से सिर्फ इसलिए इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि वह वर्ष 2018 में एक बार "उमरा हज" कर चुका है।

अदालत ने कहा, "अगर इस आधार को तार्किक परिणाम के रूप में स्वीकार किया जाता है तो इसका मतलब यह होगा कि किसी भी धर्म का व्यक्ति अपनी प्रार्थना या इबादत एक बार करने के बाद उसकी पेशकश नहीं कर सकता।"

याचिकाकर्ता-आरोपी ने 1 अप्रैल से 24 अप्रैल के बीच उमराह के लिए देश से बाहर यात्रा करने की अनुमति के लिए ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

याचिकाकर्ता रागिब परवेज, शेक्सपियर सरानी पुलिस स्टेशन द्वारा 2019 में दर्ज मामले में आरोपी है। जगुआर कार के मर्सिडीज कार से टकराने के कारण हुई दुर्घटना में दो बांग्लादेशी नागरिकों की मौत हो गई।

ट्रायल कोर्ट ने 4 अप्रैल को याचिकाकर्ता की प्रार्थना को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह पहले ही 2018 में मक्का शहर का दौरा कर चुका है।

निचली अदालत ने अपने निर्णय का समर्थन करने के लिए मेनका गांधी बनाम भारत संघ और अन्य (1978) 1 SCC 248, सतवंत सिंह साहनी बनाम डी. रामरत्नम व अन्य AIR 1967 SC 1836 और सतीश चंद्र वर्मा बनाम भारत संघ और अन्य MANU/SC/0826/2019 का संदर्भ दिया।

जस्टिस चौधरी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले विभिन्न पहलुओं से संबंधित थे, जहां किसी व्यक्ति का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया था या अदालत के निर्देश के तहत उसे न्यायिक प्राधिकरण के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया गया था।

जस्टिस चौधरी ने कहा, "मौजूदा मामले में आरोपी जमानत पर है और उस पर ऐसी कोई शर्त नहीं लगाई गई है।"

अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा बताए गए कारण कि याचिकाकर्ता ने पहले एक बार "उमरा हज" किया था, उसे अपने धर्म के पवित्र स्थान पर प्रार्थना करने के अवसर से वंचित करने का आधार नहीं बनाया जा सकता।

इस प्रकार अदालत ने निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया और याचिकाकर्ता को उमराह करने के लिए मक्का जाने की अनुमति दी।

इसने आगे जांच अधिकारी को याचिकाकर्ता का पासपोर्ट जारी करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा, "याचिकाकर्ता को निर्देश दिया जाता है कि वह 27 अप्रैल, 2023 तक ट्रायल कोर्ट के सामने वापस आए और पेश हो।"

केस टाइटल : रागिब परवेज बनाम पश्चिम बंगाल राज्य

कोरम: जस्टिस बिबेक चौधरी

आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें





Tags:    

Similar News