कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने और अधीनस्थ न्यायालयों द्वारा पारित सभी अंतरिम आदेशों की अवधि 20 अगस्त तक बढ़ाया
कलकत्ता हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने पिछले साल दर्ज स्वत: संज्ञान मामले के अनुसरण में शुक्रवार को हाईकोर्ट और इसके अधीनस्थ अदालतों द्वारा पारित सभी अंतरिम आदेशों की अवधि 20 अगस्त तक बढ़ा दी है। इसमें पश्चिम बंगाल में COVID-19 के संदर्भ में पारित ट्रिब्यूनल के आदेश भी शामिल है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति आई.पी. मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार ने पूर्ण पीठ ने यह आदेश पारित किया।
यह आदेश पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन प्रतिबंधों को 30 जुलाई तक बढ़ाने के मद्देनजर पारित किया गया।
आदेश में कहा गया,
"पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा COVID-19 महामारी से संबंधित प्रतिबंधों के विस्तार के मद्देनजर, हम इस रिट याचिका में पारित अंतरिम आदेशों को 20 अगस्त, 2021 तक बढ़ाते हैं।"
अंतरिम आदेश को कोर्ट ने पिछली बार 20 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया था।
न्यायालय द्वारा यह भी निर्देश दिया गया कि आदेश को न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही सभी अधीनस्थ न्यायालयों और न्यायाधिकरणों, विद्वान महाधिवक्ता, विद्वान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल, तीनों विंग के अध्यक्षों, सचिवों और वकीलों, वादियों और अन्य इच्छुक पार्टियों के बीच संचलन की सुविधा के लिए इस न्यायालय के बार को भी सूचित किया जाना चाहिए। ।
मामले को 13 अगस्त को अदालत द्वारा आगे के विचार के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
कलकत्ता हाईकोर्ट और उसके अधीनस्थ न्यायालयों में अंतरिम आदेशों के साथ लंबित मामले, जिनमें पश्चिम बंगाल राज्य के भीतर ट्रिब्यूनल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं, मौजूदा COVID-19 स्थिति से संबंधित गैर-उपलब्धता के दौरान न्यायालयों तक पहुंच भी शामिल है।
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