कलकत्ता हाईकोर्ट ने पिता के सुधार गृह से लापता होने से संबंधित मामले में दायर याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा

Update: 2021-12-30 03:53 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने बुद्धदेव भौमिक द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (Habeas Corpus Plea) में पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है, जिसने आरोप लगाया है कि उसके पिता प्रेसीडेंसी सुधार गृह (Correctional Home) में न्यायिक रिमांड से लापता हो गए हैं।

27 दिसंबर को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आर के कपूर और न्यायमूर्ति कृष्ण राव की अवकाश पीठ ने राज्य सरकार से 30 दिसंबर तक याचिका में किए गए दावों के संबंध में एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

जस्टिस शंपा सरकार और जस्टिस बिभास रंजन डे की अवकाश पीठ इस मामले की सुनवाई आज यानी 30 दिसंबर को करेगी।

पूरा मामला

बुद्धदेव भौमिक ने दावा किया कि उनके पिता रंजीत भौमिक जिन्हें पश्चिम बंगाल पुलिस ने कथित तौर पर नकली शराब रखने के मामले में गिरफ्तार किया था, वर्तमान में प्रतिवादी अधिकारियों की अवैध हिरासत में हैं, लेकिन अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, उलुबेरिया द्वारा 21 दिसंबर, 2021 को पहले ही जमानत दे दी गई थी।

अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि 21 दिसंबर को, उनके पिता को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, उलुबेरिया के समक्ष पेश किया गया था, जब एक जमानत याचिका दायर की गई थी और संतुष्ट होने के बाद उनके पिता को कुछ शर्तों को पूरा करने पर जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया गया था।

याचिका में कहा गया है, अधिवक्ता ने सभी औपचारिक दस्तावेज पूरे किए और याचिकाकर्ता को 22.12.2021 को सुबह 10 बजे अलीपुर में प्रेसीडेंसी जेल से अपने पिता को रिहा कराने के लिए कहा। हालांकि जब वह वहां पहुंचे तो याचिकाकर्ता को सूचित किया गया कि उनके पिता को 21 दिसंबर को ही रिहा कर दिया गया है।

इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, याचिका में दावा किया गया है कि आज तक उसके पिता का कोई पता नहीं चला है और वह अपने पिता के ठिकाने का पता लगाने के लिए दर-दर भटक रहा है। इसके आलोक में, याचिकाकर्ता ने इस आशंका के साथ हाईकोर्ट का रुख किया कि शायद उसके पिता की हिरासत में मृत्यु हो गई है और प्रतिवादी अधिकारी इस तथ्य को छिपा रहे हैं।

यह ध्यान दिया जा सकता है कि उनके पिता का स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद 12 दिसंबर को उलुबेरिया सब-डिविजनल सुधार गृह से कोलकाता प्रेसीडेंसी में ट्रांसफर कर दिया गया था और इसके बाद याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया गया कि कॉर्पस लापता हो गया है।

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