बुली बाई ऐप केस: इंजीनियरिंग छात्र को 10 जनवरी तक मुंबई पुलिस की हिरासत में भेजा गया

Update: 2022-01-04 13:03 GMT

मुंबई के बांद्रा में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने बुल्ली बाई ऐप मामले में गिरफ्तार इंजीनियरिंग के 21 वर्षीय छात्र विशाल झा को 10 जनवरी, 2022 तक मुंबई साइबर पुलिस की हिरासत में भेज दिया।

संबंधित हैंडल और बुली बाई के डेवलपर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153A, 153B, 295A, 354D, 509 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

अदालत ने पुलिस को सबूत जुटाने के लिए उसके बेंगलुरु स्थित आवास की तलाशी लेने की भी अनुमति दे दी।

यह मामला राजनीतिक रूप से मुखर कई मुस्लिम महिलाओं को एक मोबाइल एप्लिकेशन पर "नीलामी" के लिए रखे जाने से संबंधित है।

झा की ओर से अधिवक्ता डी प्रजापति पेश हुए और कहा कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है। पत्रकारों को COVID-19 प्रोटोकॉल के कारण अदालत के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।

डीसीपी रश्मि करंदीकर के नेतृत्व में साइबर पुलिस की एक टीम ने झा की गिरफ्तारी के अभियान का नेतृत्व किया। पुलिस ने मामले में उत्तराखंड की एक महिला को भी हिरासत में लिया। वह मुख्य आरोपी बताई जा रही है।

यह मामला तब सामने आया जब गिटहब ( GitHub) द्वारा होस्ट किए गए ऐप पर असंख्य प्रमुख मुस्लिम महिलाओं ने खुद को नीलामी के लिए उपलब्ध पाया। कई महिलाओं ने पाया कि उनकी छेड़छाड़ की गई तस्वीरों को "नीलामी" के लिए ऐप पर डाला गया था।

इन महिलाओं में प्रमुख पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और वकील शामिल हैं।

खबरों के मुताबिक महिला बुली बाई ऐप में तीन अकाउंट हैंडल कर रही थी। झा ने खालसा वर्चस्ववादी नाम से एक अकाउंट बनाया ताकि यह पता चले कि यह एक खालिस्तानी हमला है। फिर 31 दिसंबर को उन्होंने अकाउंट्स के नाम बदलकर उन्हें सिख नामों की तरह बना दिया।

बुली बाई ऐप 'सुली डील' के समान है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले साल 'सुलिस' की पेशकश करके एक विवाद हुआ था। एक अपमानजनक शब्द ट्रोल मुस्लिम महिलाओं के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। 

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