Hate Speech Case में कोर्ट ने BJP नेता पीसी जॉर्ज को 14 दिन की हिरासत में भेजा

Update: 2025-02-25 04:36 GMT

केरल कोर्ट ने सोमवार को चैनल पर बहस के दौरान मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कथित तौर पर Hate Speech देने के मामले में BJP नेता पीसी जॉर्ज की जमानत याचिका खारिज की। इसके बाद उन्हें 14 दिन की हिरासत में भेज दिया गया।

कोट्टायम जिले में एराट्टुपेटा न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की।

केरल हाईकोर्ट ने पीसी जॉर्ज की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की थी।

उनके खिलाफ धारा 196(1)(ए) और BNS की धारा 299, केरल पुलिस अधिनियम की धारा 120 (ओ) के तहत दंडनीय अपराध करने का आरोप लगाते हुए अपराध दर्ज किया गया।

अग्रिम जमानत से इनकार करते हुए जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने जमानत आदेश में कहा कि राजनेताओं की धर्म और जाति पर बयानबाजी की प्रवृत्ति को रोका जाना चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि पीसी जॉर्ज जैसे राजनेता, जिनके पास 30 साल से अधिक का अनुभव है, अगर उन्हें इतनी आसानी से उकसाया जा सकता है तो वे राजनीतिक नेता के रूप में बने रहने के लायक नहीं हैं।

अग्रिम जमानत खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा,

"मैं यह कहने के लिए मजबूर हूं कि याचिकाकर्ता जैसे राजनेता, जिनके पास विधायक के रूप में लगभग 30 साल का अनुभव है, उन्हें इस तरह से आसानी से उकसाया जा सकता है, वे राजनीतिक नेता के रूप में बने रहने के लायक नहीं हैं।"

कोर्ट ने पीसी जॉर्ज की जमानत को इस आधार पर खारिज किया कि वे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बार-बार सांप्रदायिक बयानबाजी कर रहे हैं।

पीसी जॉर्ज द्वारा 2022 में दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए कोर्ट ने जमानत आदेश में कहा,

"मैंने FIR के मलयालम हिस्से को ही निकाला है, जिससे यह दिखाया जा सके कि भारत जैसे देश में राजनेता किस तरह से सार्वजनिक समारोहों में भाषण दे रहा है, भले ही वह हिंदू समुदाय का सम्मेलन हो!"

कोर्ट ने कहा कि 2022 में भी हाईकोर्ट ने पीसी जॉर्ज को इस तरह के सांप्रदायिक बयान देने से बचने का निर्देश दिया। कोर्ट ने जमानत खारिज करते हुए कहा कि वह सांप्रदायिक विद्वेष को बढ़ावा देने वाले बयान देकर कोर्ट के आदेशों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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