'ओलंपियन होने से कुछ नहीं बदलता, पुलिस को जांच करने दें': केरल हाईकोर्ट ने मयूखा जॉनी के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

Update: 2021-12-07 11:27 GMT

केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को ओलंपियन मयूखा जॉनी की उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें कथित तौर पर बलात्कार के झूठे आरोप लगाने पर उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी।

जब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता एक ओलंपियन है तो न्यायमूर्ति के हरिपाल ने मौखिक रूप से टिप्पणी की:

"यह मामले से कैसे संबंधित है? इससे कुछ भी नहीं बदलता है। पुलिस को आरोपों की जांच करने दें।"

याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट पी.ए. अयूब खान ने तर्क दिया कि जॉनसन द्वारा बलात्कार के शिकार एक दोस्त से अपना समर्थन वापस लेने के लिए दबाव बनाने के लिए मामला दर्ज किया गया था, जिसने उसकी नग्न तस्वीरें भी लीं और इसका इस्तेमाल उसे ब्लैकमेल करने के लिए किया।

उन्होंने कहा कि यह उन्हें बदनाम करने का एक मात्र प्रयास था और तर्क दिया कि प्राथमिकी में एक मुख्य आरोपी के खिलाफ मामला रद्द कर दिया गया है और इसलिए इसे भी वही राहत दी जा सकती है।

रेप मामले में आरोपी को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए अग्रिम जमानत दे दी थी।

एथलीट ने मामले में जांच एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुर्खियां बटोरी थीं।

उसने आरोप लगाया कि उसके दोस्त को धमकाया जा रहा है और आरोपी के पक्ष में अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्तियों के हस्तक्षेप के कारण जांच ठप पड़ी है।

केस का शीर्षक: मयूखा जॉनी बनाम केरल राज्य

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