'जल्द ही उचित निर्णय लेंगे' : राज्य बार काउंसिलों द्वारा 'अत्यधिक' इनरोलमेंट फीस वसूलने पर बीसीआई ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कहा

Update: 2023-03-29 13:56 GMT

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट को बताया है कि वह राज्य बार काउंसिलों द्वारा वसूली जा रही अत्यधिक इनरोलमेंट फीस के मुद्दे पर जल्द ही निर्णय लेगा।

मुख्य न्यायाधीश रवि शंकर झा और जस्टिस विकास बहल की पीठ के समक्ष एक याचिका की सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किया गया जिसमें आरोप लगाया गया था कि पंजाब एंड हरियाणा की बार काउंसिल अत्यधिक इनरोलमेंट फीस ले रही है।

एडवोकेट परधुमन गर्ग ने अपनी याचिका में बार काउंसिल ऑफ इंडिया बनाम बोनी फोई लॉ कॉलेज और अन्य, 2023 LiveLaw (SC) 96 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा जताया।। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एएस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पांच जजों की बेंच ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि इनरोलमेंट फीस दमनकारी न हो।

पीठ ने फैसले में कहा था,

"हमारे पास इस दलील से उत्पन्न होने वाली एक चेतावनी भी है कि विभिन्न राज्य बार काउंसिल नामांकन के लिए अलग-अलग शुल्क ले रहे हैं। यह ऐसी चीज है जिस पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया को ध्यान देने की जरूरत है, जो यह देखने के लिए शक्तियों से रहित नहीं है कि एक समान पैटर्न का पालन किया जाए और बार में शामिल होने वाले युवा छात्रों की दहलीज पर फीस दमनकारी न हो जाए।”

हाईकोर्ट के समक्ष मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 27 मार्च को प्रस्तुत किया कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार आवश्यक कदम उठाएगी। इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर मामले में उचित फैसला तेजी से लिया जाएगा।

खंडपीठ ने याचिका का निस्तारण करते हुए कहा, "प्रतिवादियों के विद्वान वकील द्वारा दिए गए बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए वर्तमान रिट याचिका का निस्तारण किया जाता है।"

केस टाइटल: परधुमन गर्ग बनाम बार काउंसिल ऑफ इंडिया और अन्य CWP-PIL-100-2020

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