पश्चिम बंंगाल बार काउंंसिल ने लॉकडाउन में ज़रूरतमंंद वकीलोंं की आर्थिक सहायता करने का प्रस्ताव पारित किया

Update: 2020-04-24 06:03 GMT

पश्चिम बंंगाल बार काउंंसिल (बार काउंसिल ऑफ वेस्ट बंगाल) ने लॉकडाउन से अदालत का काम बाधित होने के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे जरूरतमंद वकीलों को वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है।

कलकत्ता हाईकोर्ट के समक्ष अधिवक्ता अशोक धाधानिया द्वारा दायर पत्र याचिका की सुनवाई के दौरान गुरुवार को इस विषय में जानकारी प्रस्तुत की गई।

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश टी बी राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने बार काउंसिल द्वारा दायर हलफनामे का अवलोकन किया और कहा कि बार ने वित्तीय रूप से अस्थिर वकीलों की सहायता करने का प्रस्ताव पास किया है।

अदालत ने कहा कि बार काउंसिल के हलफनामे से यह प्रतीत होता है कि परिषद ने उन विद्वान वकीलों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है, जिन्हें इसकी अत्यधिक आवश्यकता है।

इसके मद्देनजर, पीठ ने उक्त प्रस्ताव को प्रभावी करने के लिए परिषद को निर्देश दिया, "रिट याचिका में पक्षकारों के अधिकारों और अंतर्विरोधों के बिना और आगे दिए जाने वाले आदेशों के अधीन ..."

इस मामले को अब 30 अप्रैल को उठाया जाएगा।

बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु और पुदुचेरी ने उन सभी जरूरतमंद अधिवक्ताओं को वित्तीय सहायता देने का भी संकल्प लिया है, जो अदालत के काम के निलंबन के कारण अपने दिन-प्रतिदिन के खर्चों को पूरा करने में असमर्थ हैं। इसी तरह, बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने भी घोषणा की थी कि वह जरूरतमंद प्रत्येक वकील को 5,000 रुपए देगी। 




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