बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु एंड पुडुचेरी ने 19 एडवोकेट की लॉ प्रैक्टिस पर रोक लगाई
तमिलनाडु एंड पुडुचेरी बार काउंसिल ने 09.05.2022 को 19 वकीलों के खिलाफ भारत के सभी न्यायालयों, न्यायाधिकरणों और अन्य प्राधिकरणों में उनके नाम पर या किसी भी नाम के तहत एडवोकेट के रूप में प्रैक्टिस करने पर रोक लगाने का आदेश पारित किया है।
बार काउंसिल के सचिव द्वारा जारी अधिसूचना इन एडवोकेट के खिलाफ लंबित अनुशासनात्मक कार्यवाही के मद्देनजर थी। इन एडवोकेट पर भारतीय दंड संहिता, नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985, तमिलनाडु संपत्ति (नुकसान और हानि की रोकथाम) अधिनियम, 1992, एससी / एसटी अधिनियम 2015, यौन अपराधों से बच्चों की रोकथाम अधिनियम 2012 के तहत विभिन्न अपराधों का आरोप लगाया गया है।
बार काउंसिल ने राज्य में अदालतों के समक्ष मोटर दुर्घटना दावा याचिका दायर करने से जुड़े बड़े पैमाने पर घोटाले में शामिल वकीलों के प्रैक्टिस करने पर भी रोक लगा दी।
इस संबंध की अधिसूचना सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार, सेक्रेटरी बार काउंसिल ऑफ इंडिया, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, राज्य के सभी निचली अदालतों के न्यायाधीशों, सरकार के मुख्य सचिव, सचिव - कानून विभाग, सचिव - गृह विभाग को भेज दी गई है।
पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त और राज्य के सभी बार काउंसिल अधिकारियों को अपने विभाग के तहत सभी अधिकारियों को अधिसूचना की प्रतियां परिचालित करने का भी निर्देश दिया गया।
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