सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेशन में भाई-भतीजावाद: पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल ने मांगा हाईकोर्ट से प्रक्रिया का ब्योरा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा 76 वकीलों को सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेट किए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया। इस पदनाम प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद और पारदर्शिता की कमी के आरोपों के बीच पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल ने हाईकोर्ट से चयन की प्रक्रिया का पूरा ब्योरा मांगा। 20 अक्टूबर को घोषित हुई इस सूची में पांच महिला वकील भी शामिल हैं, जबकि 2024 में कुल 210 वकीलों ने सीनियर डेजिग्नेशन के लिए आवेदन किया था।
बार काउंसिल ने 23 अक्टूबर को एक प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि उसे कानूनी बिरादरी के सदस्यों और हाईकोर्ट तथा ज़िला अदालतों में प्रैक्टिस कर रहे वकीलों से ढेरों शिकायतें मिली हैं। शिकायतों में आरोप लगाया गया कि हाईकोर्ट द्वारा सीनियर एडवोकेट्स की सूची को अंतिम रूप देने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। बार काउंसिल ने कहा कि बार के भीतर बढ़ती चिंता, पक्षपात और भाई-भतीजावाद के आरोपों को देखते हुए, साथ ही कई मेधावी उम्मीदवारों को दरकिनार किए जाने तथा कई गैर-ज़रूरी उम्मीदवारों को डेजिग्नेट किए जाने के कारण यह कदम उठाया गया।
बार काउंसिल ने इस मामले को 31 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया और हाईकोर्ट से निम्नलिखित सात बिंदुओं पर जानकारी मांगी:
1. सीनियर एडवोकेट के चयन और डेजिग्नेशन के लिए अपनाई गई प्रक्रिया।
2. क्या यह प्रक्रिया पुराने नियमों या नए नियमों के अनुसार पूरी की गई और क्या यह इंदिरा जयसिंह के मामले में दिए गए निर्णय के अनुरूप है?
3. व्यक्तिगत उम्मीदवारों को दिए गए अंक (यदि कोई हों) और मूल्यांकन के लिए अपनाया गया संपूर्ण डेटा/मानदंड।
4. क्या उम्मीदवारों को दिए गए अंक अंतिम निर्णय के लिए हाईकोर्ट की फुल बेंच के समक्ष रखे जाने से पहले वेबसाइट पर अपलोड/प्रकाशित किए गए?
5. क्या उन उम्मीदवारों पर विचार किया गया, जिन्होंने हाल के वर्षों में कोई मामला दायर या उसमें पेश नहीं हुए या जो पिछले दो वर्षों में शायद ही पेश हुए हों?
6. सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेशन के लिए वकीलों से आवेदन आमंत्रित करने वाली अधिसूचना को ज़िला और उप-मंडल बार एसोसिएशनों के बीच विधिवत प्रसारित किया गया या नहीं?
7. क्या अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला उम्मीदवारों के लिए कोई विशेष मानदंड अपनाया गया?
भाई-भतीजावाद का आरोप लगाकर पहुंचे वकील Mathews J. Nedumpara की हुई बहस यह वीडियो सीनियर एडवोकेट पदनामों में कथित भाई-भतीजावाद के आरोप से जुड़े एक अन्य मामले पर सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को दर्शाता है।