अतीक- अशरफ मर्डर केस: प्रयागराज कोर्ट ने तीन आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
Atique Murder Case- शनिवार की रात को पुलिस हिरासत के दौरान अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई। इस हत्या को तब अंजाम दिया जब मीडिया अतीक और अशरफ से सवाल कर रही थी। मौके पर तीनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए। यूपी के प्रयागराज जिले की एक अदालत ने रविवार को तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आरोपियों की पहचान लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य के रूप में की गई है।
15 अप्रैल की रात पुलिस अतीक और उसके बाई अशरफ को मेडिकल जांच के लिए ले जा रही थी। तभी तीन आरोपियों ने अतीक और अशरफ को गोली मारकर हत्या कर दी। आरोपी मीडियकर्मी बनकर पहुंचे थे। ये घटना टीवी चैनलों पर लाइव देखी गई। इस घटना के दो दिन पहले ही अतीक का बेटा असद भी पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था।
आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, आर्म्स एक्ट की धारा 3, 7, 25, 27 और अन्य विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के सामने हुई इस हत्या के बाद अब पुलिस और यूपी सरकार पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। उठ रहे सवालों के बीच यूपी सरकार ने एक तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है जो इस घटना की जांच करेगी। इसकी अध्यक्षता रिटायर्ड जज जस्टिस अरविन्द कुमार त्रिपाठी करेंगे। साथ ही इसमें रिटायर्ड पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह और रिटायर्ड जनपद जज बृजेश कुमार सोनी शामिल हैं। आयोग को मामले की जांच रिपोर्ट दो महीने के भीतर सरकार को सौंपनी होगी।
ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच की मांग की गई है। साथ ही 2017 से उत्तर प्रदेश में अब तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक्सपर्ट कमेटी से कराने की मांग की गई है।