बॉम्बे हाईकोर्ट की एक अन्य बेंच ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियम फॉलो न करने पर चिंता जताई
बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम पटेल ने सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन नहीं करने पर वर्चुअल सुनवाई को फिर से शुरू करने की चेतावनी देने के एक महीने से भी कम समय के अंदर जस्टिस एसएस शिंदे की अध्यक्षता वाली एक अन्य डिवीजन बेंच ने फिर से वही चेतावनी जारी की है।
सोमवार को आपराधिक मामलों की सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने अदालत कक्ष में अधिक भीड़ को लेकर चिंता जताई और अदालत के बाहर अपनी बारी का इंतजार करने वाले अधिवक्ताओं और वादकारियों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति शिंदे ने वकीलों को चेतावनी देते हुए कहा कि अदालत में भीड़ मत करो वरना, हम और किसी भी मामले की सुनवाई नहीं करेंगे। फिजिकल सुनवाई के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कीजिए।
बाद में शाम को जारी एक सर्कुलर में जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस मनीष पितले की पीठ ने निर्देश दिया कि किसी भी दिन सुनवाई के लिए केवल 60 मामलों को सूचीबद्ध किया जाए। इनमें ताजा और जरूरी मामले शामिल होंगे। पीठ ने अब मामलों की सुनवाई के लिए टाइम स्लॉट भी आवंटित किया है।
बेंच के निर्देशों पर जारी सर्कुलर मेंं कहा गया कि अधिवक्ताओं और पार्टियों-इन-पर्सन को सोशल डिस्टेंसिंग मानदंडों का कड़ाई से पालन करना चाहिए और चपरासी और सुरक्षा कर्मियों के साथ सहयोग करना चाहिए।
मुंबई में हाईकोर्ट ने दिसंबर 2020 से लगभग सभी मामलों के लिए फिजिकल सुनवाई फिर से शुरू कर दी थी।
पिछले हफ्ते हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पृथ्वीराज के. चव्हाण ने उस वक्त जब एक अधिवक्ता ने बहस के दौरान अपना मास्क हटा लिया था तो उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कि हर समय फेस मास्क पहनना अनिवार्य है, बोर्ड से उस मामले को हटाने का निर्देश दिया था।
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