अनीस खान मौत मामला: कलकत्ता हाईकोर्ट ने एसआईटी को एक महीने के अंदर जांच पूरी करने का आदेश दिया

Update: 2022-03-14 10:15 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट 

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) को स्टूडेंट एक्टिविस्ट अनीस खान की मौत की जांच एक महीने के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया। अनीस खान शनिवार, 19 फरवरी, 2022 की तड़के हावड़ा जिले के अमता ब्लॉक में अपने घर पर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत अवस्था में पाया गया।

अदालत ने पहले इस घटना को 'गंभीर और चौंकाने वाला' करार देते हुए मामले का स्वत: संज्ञान लिया।

जस्टिस राजशेखर मंथा ने पहले सीबीआई जांच के लिए एक प्रार्थना को ठुकराते हुए राज्य सरकार को हावड़ा जिला न्यायाधीश के नेतृत्व में नियुक्त विशेष जांच दल को अपनी जांच जारी रखने की अनुमति दी। कोर्ट ने हावड़ा जिला जज की देखरेख में एसआईटी द्वारा दूसरा पोस्टमार्टम कराने का भी आदेश दिया।

जस्टिस मंथा ने सुनवाई के अंतिम दिन एसआईटी की रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेते हुए आदेश दिया कि रिपोर्ट की एक कॉपी याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील को दी जानी चाहिए।

जस्टिस मंथा ने सोमवार को एसआईटी को बिना किसी देरी के एक महीने के भीतर मामले की जांच पूरी करने का निर्देश दिया। इसके बाद अदालत फैसला करेगी कि क्या जांच सीबीआई को सौंपने की आवश्यकता है। कोर्ट ने आगे कहा कि जांच निष्पक्ष तरीके से होनी चाहिए।

कोर्ट ने आगे निर्देश दिया कि मृतक के मोबाइल फोन की जांच के आधार पर तैयार की गई फॉरेंसिक रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत की जाए।

तदनुसार, मामले को 17 अप्रैल को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

जस्टिस मंथा ने पहले आदेश दिया कि मृतक के मोबाइल फोन को याचिकाकर्ता या उसके प्रतिनिधि की उपस्थिति में एसआईटी के संबंधित जांच अधिकारी (आईओ) द्वारा सील किया जाना चाहिए और हैदराबाद में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में प्रेषित किया जाना चाहिए। जिला न्यायाधीश को मृतक के मोबाइल फोन और विशेष रूप से परीक्षण पहचान परेड की जांच करने का भी निर्देश दिया गया।

अदालत ने आगे कहा कि जिला न्यायाधीश पोस्टमार्टम के समय उपस्थित होने के लिए मजिस्ट्रेट के पद के किसी भी व्यक्ति को नामित करने का हकदार होगा। सभी गवाहों के पोस्टमार्टम और सभी जांचों की वीडियोग्राफी की जाएगी और प्रतियां जिला न्यायाधीश को उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

मामले की पृष्ठभूमि

स्टूडेंट एक्टिविस्ट अनीस खान शनिवार, 19 फरवरी, 2022 की तड़के हावड़ा जिले के अमता ब्लॉक में अपने घर पर मृत अवस्था में पाया गया। खान की हत्या के कारण कोलकाता की आलिया यूनिवर्सिटी में बड़े पैमाने पर छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन किया। अनीस खान आलिया यूनिवर्सिटी में एकीकृत पांच वर्षीय मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) पाठ्यक्रम में नामांकित था। खान ने राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ आलिया यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा 137 दिनों तक चले विरोध प्रदर्शन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

खान के पिता ने आरोप लगाया कि शुक्रवार की रात चार लोग पुलिस और स्वयंसेवक की वर्दी पहनकर उनके घर आए। उन्होंने दावा किया कि उनके बेटे को अमता में उनके घर की तीसरी मंजिल से धक्का दिया गया। खान का परिवार मौत की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है।

पश्चिम बंगाल पुलिस ने मंगलवार को आलिया यूनिवर्सिटी में एक छात्र की मौत की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया। टीम का नेतृत्व सीआईडी ​​के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ज्ञानवंत सिंह कर रहे हैं। राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक एसआईटी 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आलिया यूनिवर्सिटी के छात्र अनीस खान की हत्या पर विरोध प्रदर्शन के बाद एसआईटी के गठन का निर्देश दिया।

केस का शीर्षक: कोर्ट अपने स्वयं के प्रस्ताव में अनीस खान बनाम पश्चिम बंगाल राज्य

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