हत्या के दोषी को LLB Semester Exam में शामिल होने के लिए मिली 17 दिन की अंतरिम जमानत

Update: 2025-07-01 13:18 GMT

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में हत्या के दोषी को 17 दिन की अंतरिम जमानत दी, जिससे वह अपने फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल हो सके। बता दें, उक्त दोषी पांच वर्षीय B.Com LL.B कोर्स कर रहा है।

जस्टिस के सुरेश रेड्डी और जस्टिस वी सुजाता की खंडपीठ ने "न्याय के उद्देश्यों को पूरा करने" के लिए आदेश पारित किया, क्योंकि दोषी की अपनी सजा के खिलाफ अपील वर्तमान में अदालत के समक्ष लंबित है।

अपीलकर्ता (आरोपी नंबर 2/मुरली जय गणेश) को अंतरिम राहत दी गई, जिसे पिछले साल मई में तिरुपति के एक्स एडिशनल जिला और सेशन जज ने दोषी ठहराया था। अपनी सजा के बाद उसे हिरासत में ले लिया गया और वर्तमान में वह कडप्पा के केंद्रीय कारागार में अपनी सजा काट रहा है।

हाईकोर्ट के समक्ष उन्होंने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNSS) की धारा 430(1) के तहत आवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें कारावास की सजा निलंबित करके अंतरिम जमानत पर रिहा करने की मांग की गई, जिससे 23 जून से 2 जुलाई, 2025 तक निर्धारित उनके एक्स सेमेस्टर की परीक्षाएं और 27 जून से 5 जुलाई, 2025 तक तिरुपति स्थित लॉ कॉलेज में मौखिक परीक्षा में शामिल हो सकें।

अपीलकर्ता के वकील ने खंडपीठ को अवगत कराया कि आरोपी जून, 2024 के महीने में परीक्षा में शामिल नहीं हो सकता, क्योंकि वह जेल में बंद है। हालांकि, अब इस बार वह इसके लिए उपस्थित होना चाहता है। यह भी प्रस्तुत किया गया कि एक्स सेमेस्टर को छोड़कर याचिकाकर्ता के पास कोई अन्य लंबित परीक्षा नहीं है।

राज्य ने हालांकि नियमित जमानत का विरोध किया, लेकिन सीमित अवधि के लिए जमानत देने पर आपत्ति नहीं की।

रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट है, जिसका फाइनल सेमेस्टर को छोड़कर कोई लंबित परीक्षा नहीं है। इस प्रकार, यह देखते हुए कि यह राहत न्याय के हित में होगी, न्यायालय ने उसे 21 जून से 7 जुलाई, 2025 तक (दोनों दिन सम्मिलित) अंतरिम जमानत प्रदान की।

अंतरिम जमानत इस शर्त पर दी गई कि अपीलकर्ता 10,000 रुपये का निजी बांड और इतनी ही राशि की जमानत राशि अधीक्षक, केंद्रीय कारागार, कडप्पा की संतुष्टि के लिए भरेगा।

इसके अलावा, न्यायालय ने उसे 7 जुलाई, 2025 को शाम 5:00 बजे तक केंद्रीय कारागार, कडप्पा के अधीक्षक के समक्ष अनिवार्य रूप से आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।

Case title - Murali Jai Ganesh vs The State Of Andhra Pradesh

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