इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर सर्वे का आदेश देने वाले वाराणसी के जज समेत 619 न्यायिक अधिकारियों का ट्रांसफर किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने सोमवार को राज्य के विभिन्न जिलों में तैनात कुल 619 न्यायिक अधिकारियों का तबादला कर दिया। सभी ट्रांसफर न्यायिक अधिकारियों को 04 जुलाई, 2022 को उनके वर्तमान पदस्थापन स्थान पर कार्यभार सौंपने के लिए कहा गया है।
213 सिविल जज (जूनियर डिवीजन) कैडर, 285 अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश कैडर, और 121 सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कैडर सहित कुल 619 न्यायिक अधिकारियों को ट्रांसफर किया गया है।
ट्रांसफर जजों की सूची में वाराणसी के जज रवि कुमार दिवाकर [सिविल जज (सीनियर डिवीजन)] का नाम है, जिनको बरेली में ट्रांसफर दिया गया है।
जज दिवाकर ने अप्रैल 2022 में, पांच हिंदू महिलाओं द्वारा वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की पश्चिमी दीवार के पीछे हिंदू मंदिर में पूजा करने की मांग करते हुए दायर याचिकाओं पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का आदेश दिया था।
गौरतलब है कि 16 मई को जब जज दिवाकर की अध्यक्षता वाली अदालत को बताया गया कि अदालत द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर ने सर्व के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर शिव लिंग पाया है, तो उन्होंने संबंधित स्थान/क्षेत्र को सील करने का आदेश दिया था।
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे जारी रखने के आदेश देते हुए उन्होंने अपने आदेश में सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की थी।
वाराणसी कोर्ट के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने कहा था,
"इस साधारण से दीवानी मामले को असाधारण मामला बनाकर भय का माहौल बना दिया गया है। डर इतना है कि मेरा परिवार हमेशा मेरी सुरक्षा के बारे में चिंतित है और मुझे उनकी सुरक्षा की चिंता है। सुरक्षा के बारे में चिंता मेरी पत्नी द्वारा बार-बार व्यक्त की जाती है, जब मैं घर से बाहर हूं।"
एक पंजीकृत डाक से धमकी भरा पत्र मिलने के बाद इस महीने की शुरुआत में उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार को भी पत्र लिखा था।