MBBS स्टूडेंट को राहत, हाईकोर्ट ने 2024-25 सेशन के बीच फीस बढ़ोतरी पर लगाई रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 05.07.2025 की उस सरकारी अधिसूचना पर रोक लगा दी, जिसके तहत राज्य सरकार ने शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से MBBS कोर्स की फीस बढ़ा दी थी।
240 MBBS स्टूडेंट्स ने हाईकोर्ट में 05.07.2025 की उस अधिसूचना की वैधता और वैधता को चुनौती दी, जिसके तहत शैक्षणिक सत्र 2024-25 से MBBS कोर्स के स्टूडेंट्स की ट्यूशन फीस 11,78,892 रुपये से बढ़ाकर 14,14,670 रुपये कर दी गई थी। स्टूडेंट्स ने तर्क दिया कि निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्थान (प्रवेश विनियमन एवं शुल्क निर्धारण) अधिनियम, 2006 के तहत यह मनमाना है।
याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया कि इस सेशन के दौरान अन्य विविध शुल्क पहले ही बढ़ाए जा चुके हैं। अब बिना किसी औचित्य के आठ महीनों में दूसरी बार शिक्षण शुल्क में वृद्धि की जा रही है।
यह तर्क दिया गया कि शुल्क में वृद्धि हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश के अनुसरण में की गई, जहां उत्तर प्रदेश गैर-सहायता प्राप्त मेडिकल एवं संबद्ध साइंस कॉलेज कल्याण संघ और प्रतिवादी नंबर 3 कॉलेज सहित 17 अन्य ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के शुल्क ढांचे को शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में लागू करने को चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने समिति को मुद्रास्फीति की दर के अनुपात में शुल्क वृद्धि के संस्थानों के अनुरोध पर विचार करने का आदेश दिया था।
पक्षकारों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तुतियों पर विचार करते हुए जस्टिस चंद्र धारी सिंह ने पक्षकारों को संक्षिप्त प्रति-शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। निर्देश दिया कि 05.07.2025 की अधिसूचना को सूचीबद्ध होने की अगली तिथि तक स्थगित रखा जाएगा।
मामले को 17.09.2025 को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाता है।