पीएम मोदी द्वारा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से युद्ध करने का आग्रह करने वाला वीडियो पोस्ट करने के आरोपी को मिली ज़मानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ निवासी जावेद को ज़मानत दी, जिस पर व्हाट्सएप पर एक वीडियो पोस्ट करने का आरोप है। इस वीडियो में कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एक-दूसरे से बात करते हुए "ज़हरीले शब्दों का आदान-प्रदान" करने और "युद्ध करने" का आग्रह कर रहे हैं ताकि दोनों देशों की जनता "5 साल तक चुप" रहे।
कथित वीडियो में एक ऑडियो भी है, जिसमें यह संकेत दिया गया कि नेता आपस में बात कर रहे हैं कि दोनों देशों की जनता उनसे खुश नहीं है और उन्हें उनके पदों से हटाना चाहती है।
जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की पीठ ने FIR में लगाए गए आरोपों और दोनों पक्षकारों की दलीलों पर विचार करते हुए पाया कि आवेदक के व्हाट्सएप स्टेटस पर अपलोड किया गया वीडियो प्रथम दृष्टया भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 के प्रावधानों के अंतर्गत नहीं आता है।
आवेदक के वकील ने तर्क दिया कि यदि कथित कृत्य को सत्य मान भी लिया जाए तो भी यह BNS की धारा 152 के दायरे में नहीं आएगा। आगे यह भी कहा गया कि आवेदक का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, वह 11 जून, 2025 से जेल में है। पुलिस इस मामले में पहले ही आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। इसलिए वह जमानत पर रिहा होने का हकदार है।
हालांकि, अतिरिक्त सरकारी वकील (AGP) ने इस याचिका का कड़ा विरोध किया और कहा कि वीडियो की सामग्री वास्तव में उक्त प्रावधान के अंतर्गत आती है।
अपराध की प्रकृति, साक्ष्य, अभियुक्त की संलिप्तता पर विचार करने और गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना कोर्ट ने आवेदक की याचिका में योग्यता पाई और उसे जमानत दी।
जमानत की शर्तों के तहत कोर्ट ने निर्देश दिया कि आवेदक मुकदमे और जांच में सहयोग करेगा, सोशल मीडिया पर कोई आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड नहीं करेगा और किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होगा।
कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि शर्तों का कोई भी उल्लंघन जमानत रद्द करने का आधार होगा।
Case title - Javed vs. State of U.P.