इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसटी लिस्ट में राजभर समुदाय को शामिल करने की मांग करने वाले अभ्यावेदन पर फैसला करने के लिए यूपी सरकार को 4 सप्ताह का समय दिया

Update: 2022-09-10 07:55 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अदालत के आदेश (दिनांक 11 मार्च, 2022) का पालन करने के लिए यूपी सरकार को 4 सप्ताह का समय दिया, जिसमें केंद्र द्वारा राज्य की अनुसूचित जनजाति की सूची में राजभर समुदाय को शामिल करने की मांग करने वाले अभ्यावेदन पर निर्णय लेने का निर्देश दिया गया था।

जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की खंडपीठ ने जागो राजभर जागो समिति द्वारा दायर अवमानना ​​याचिका पर यह निर्देश जारी किया, जिसमें कहा गया कि यूपी सरकार के समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजभर जाति को न्यायालय के आदेश के अनुसार, अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने पर निर्णय लेने में विफल रहे हैं।

जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस दिनेश पाठक की पीठ ने 11 मार्च को प्रमुख सचिव, समाज कल्याण विभाग, यूपी सरकार को कानून के अनुसार दो महीने की अवधि के भीतर केंद्र सरकार द्वारा विभाग को भेजे गए अभ्यावेदनों पर निर्णय लेने का निर्देश जारी किया था।

यह आदेश सी/एम जागो राजभर जागो समिति द्वारा एडवोकेट अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी के माध्यम से दायर याचिका पर पारित किया गया था।

अब जब उस आदेश का पालन नहीं किया गया तो सी/एम जागो राजभर जागो समिति और अन्य द्वारा वर्तमान अवमानना ​​याचिका दायर की गई, जिसमें यह आरोप लगाया गया कि हाईकोर्ट के आदेश की जानबूझकर अवज्ञा की गई।

यह आरोप लगाया गया कि उक्त आदेश की तामील के बावजूद, अवमाननाकर्ता/प्रतिवादी ने केंद्र सरकार को अग्रेषित आवेदक/याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर निर्णय नहीं लिया। 18 अगस्त, 2022 को हाईकोर्ट ने प्रधान सचिव को अवमानना ​​नोटिस जारी किया, जिसके अनुसार, 9 सितंबर को न्यायालय के समक्ष हलफनामा दायर किया गया, जिसमें कहा गया कि 4 अगस्त, 2022 को उसने न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए आदेश जारी किया।

हालांकि, आवेदक के वकील ने तर्क दिया कि ऐसा कोई निर्णय या तो प्रतिनिधित्व को खारिज करने या उसे अनुमति देने के लिए नहीं लिया गया। इसके विपरीत अधिकारियों ने कहा कि निर्णय लेने में कुछ और समय लगेगा।

इसे देखते हुए कोर्ट ने पाया कि रिट कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया, इसलिए कोर्ट ने राज्य के अधिकारियों को कोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन करने और चार सप्ताह की अवधि के भीतर अंतिम फैसला लेने का निर्देश दिया।

इसके साथ ही मामले को अक्टूबर, 2022 के तीसरे सप्ताह में आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट किया गया।

केस टाइटल- सी/एम जागो राजभर जागो समिति और अन्य बनाम हिमांशु कुमार, प्रधान सचिव

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