इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा कोर्ट को शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण की मांग वाले आवेदन पर चार महीने के भीतर फैसला करने का निर्देश दिया

Update: 2022-08-29 13:55 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा कोर्ट को श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद के संबंध में दायर दो आवेदनों पर चार महीने के भीतर फैसला करने का निर्देश दिया है। आवेदन में विवादित स्थल के सर्वेक्षण और सर्वेक्षण के उद्देश्य के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग की गई है।

जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने भगवान श्री कृष्ण विराजमान और एक अन्य की याचिका पर यह आदेश जारी करते हुए कहा :

" मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, मुद्दे के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना, वर्तमान याचिका को अंतिम रूप से नीचे संबंधित अदालत को निर्देश देने के साथ निपटाया जाता है कि आवेदन दिनांक 13.5.2022 अर्थात पेपर नंबर 35 Ga और सीपीसी की धारा 26 के तहत पेपर नंबर 35 Ga पर विचार किया जाए और निर्णय लिया जाए। उक्त मामला कानून के अनुसार शीघ्रता से और अधिमानतः इस आदेश की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने की तारीख से चार महीने की अवधि के भीतर, लेकिन निश्चित रूप से संबंधित पक्षों को अवसर देने के बाद और यदि कोई कानूनी बाधा नहीं है तो किसी भी पक्ष को अनावश्यक स्थगन दिये बिना निपटाया जाए।"

स्थानीय अदालत में काफी समय तक लंबित रहने के बाद मथुरा अदालत के समक्ष दायर आवेदन के शीघ्र निपटान की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

आवेदन में कहा गया है कि शाही ईदगाह मस्जिद के भीतर अभी भी हिंदू धर्म के अवशेष हैं जो साबित कर सकते हैं कि यह मूल रूप से ठाकुर केशव देव मंदिर था, जिसे मस्जिद बनाने के लिए तोड़ा गया था।

आवेदन में कहा गया है कि ये तथ्य मामले के निपटारे के लिए महत्वपूर्ण हैं लेकिन शाही ईदगाह मस्जिद का प्रबंधन करने वाले लोग हिंदू धर्म के इन प्रतीकों को हटाने के इच्छुक हैं, इसलिए यह बेहद जरूरी है कि मस्जिद परिसर की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी समेत सर्वे हो।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जुलाई 2022 में मथुरा कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह 2021 के सूट (भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और अन्य बनाम यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अन्य) के संबंध में शाही ईदगाह और जहांआरा की मस्जिद की वैज्ञानिक जांच करने के लिए उसके समक्ष दायर एक आवेदन पर शीघ्र निर्णय करे।

उल्लेखनीय है कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद कृष्ण जन्मभूमि के बगल में स्थित है, जिसे हिंदू देवता कृष्ण का जन्मस्थान माना जाता है।

गौरतलब है कि मथुरा में श्री कृष्ण मंदिर परिसर से सटे शाही ईदगाह (मस्जिद) को हटाने और देवता को 13.37 एकड़ जमीन हस्तांतरित करने की मांग को लेकर एक मुकदमा दायर किया गया था।

भगवान श्री कृष्ण विराजमान और अन्य (याचिकाकर्ता) की ओर से एडवोकेट रामानंद गुप्ता और हर्षित गुप्ता पेश हुए। यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और 3 अन्य (प्रतिवादी) की ओर से एडवोकेट पुनीत कुमार गुप्ता पेश हुए।


केस टाइटल - भगवान श्री कृष्ण विराजमान और अन्य बनाम यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और 3 अन्य

साइटेशन : 2022 लाइव लॉ (एबी) 398

आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें


Tags:    

Similar News