इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने ट्रेन यात्रा के दौरान हुई असुविधा पर रेलवे अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा

Update: 2023-07-18 13:15 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस गौतम चौधरी ने 8 जुलाई ( नई दिल्ली-प्रयागराज) को अपनी ट्रेन यात्रा के दौरान हुई असुविधा के लिए संबंधित 'गलती करने वाले अधिकारियों, जीआरपी कर्मियों और पेंट्री कार मैनेजर' से स्पष्टीकरण मांगा है।

रजिस्ट्रार (प्रोटोकॉल) इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा महाप्रबंधक, उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज को संबोधित पत्र में कहा गया है कि जस्टिस चौधरी को अपनी पत्नी के साथ (नई दिल्ली से) प्रयागराज की यात्रा के दौरान असुविधा का सामना करना पड़ा।

पत्र में आगे कहा गया है कि ट्रेन तीन घंटे से अधिक देर से थी और टीटीई को बार-बार सूचित करने के बावजूद कोच में "हिस लॉर्डशिप की इच्छानुसार आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए" कोई जीआरपी कर्मी नहीं मिला।

पत्र में कहा गया कि

“ इसके अलावा, बार-बार कॉल करने के बावजूद पेंट्री कार का कोई भी कर्मचारी जलपान उपलब्ध कराने के लिए हिस लॉर्डशिप के पास उपस्थित नहीं हुआ। इसके अलावा, जब पेंट्री कार मैनेजर श्री राज त्रिपाठी को कॉल किया गया तो कॉल नहीं उठाया गया।”

यह रेखांकित करते हुए कि उपरोक्त घटना से हिस लॉर्डशिप को बहुत असुविधा और नाराजगी हुई। पत्र में इस प्रकार कहा गया है:

" माननीय न्यायाधीश ने इच्छा जताई है कि रेलवे के गलती करने वाले अधिकारियों, जीआरपी कर्मियों और पेंट्री कार प्रबंधक से उनके आचरण और कर्तव्य के प्रति लापरवाही के कारण हिस लॉर्डशिप को हुई असुविधा के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है।"

नतीजतन पत्र में उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक से संबंधित अधिकारियों का स्पष्टीकरण हाईकोर्ट में प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया है, ताकि उसे जस्टिस चौधरी के समक्ष रखा जा सके।

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