इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना और अपने अधीनस्थ न्यायालयोंं द्वारा जारी अंतरिम आदेश को 31 अक्टूबर तक बढ़ाया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खुद जारी और अपने अधीनस्थ न्यायालयोंं/ न्यायाधिकरणों द्वारा जारी अंतरिम आदेशों की मियाद 31 अक्टूबर तक के लिए बुधवार को बढ़ा दी।
न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की खंडपीठ ने 'न्याय के हित में' इस बाबत एक न्यायिक आदेश जारी किया।
इतना ही नहीं, हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) की धारा 148ए के तहत दायर कैविएट के अस्तित्व में 90 दिनों तक बने रहने की निर्धारित अवधि में से लॉकडाउन की अवधि और उस अवधि को भी बाहर रखा जायेगा जिस दौरान अदालतों और न्यायाधिकरणों का कामकाज निलंबित हुआ या किसी कारण से बाधित हुआ।
उल्लेखनीय है कि विभिन्न शहरों में कोरोना महामारी के मामलों में तेजी से हो रहे प्रसार के मद्देनजर इलाहाबाद हाईकोर्ट की दोनों पीठों (इलाहाबाद एवं लखनऊ) में कामकाज 12 अगस्त से लंबित है और 21 अगस्त तक लंबित रहेगा।
बेंच ने कहा कि COVID-19 महामारी और इसके कारण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर हाईकोर्ट की इलाहाबाद और लखनऊ स्थित दोनों पीठों में तथा ज्यादातर जिला अदालतों, सिविल कोर्ट, परिवार अदालतों, श्रम अदालतों, औद्योगिक न्यायाधिकरणों और अन्य न्यायाधिकरणों में नियमित कामकाज बाधित हुआ है। इस प्रकार इस अवधि के दौरान खत्म हो रहे इन अदालतों के अंतरिम आदेशों को 31 अक्टूबर 2020 तक बढ़ाना उचित होगा।
इससे पहले हाईकोर्ट ने इन अंतरिम आदेशों की अवधि 31 अगस्त, 2020 तक बढ़ायी थी।