इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने और अपने अधीनस्थ न्यायालयों के अंतरिम आदेशों की मियाद 29 जून तक बढ़ाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कई क्षेत्रों में COVID 19 महामारी के कारण आवाजाही पर रोक और कंटेनमेंट ज़ोन में अदालत का कामकाज नहीं होने को देखते हुए खुद के और अधीनस्थ न्यायालयों के सभी अंतरिम आदेशों की मियाद 29 जून 2020 तक के लिए बढ़ा दी है।
आदेश के अनुसार, बेदख़ली और ढहाने के आदेश स्थगित रहेंगे और अग्रिम ज़मानत के आदेश जो 10 जून को समाप्त हो रहे थे अब 29 जून तक प्रभावी रहेंगे।
नियमित ज़मानत आदेश जिनकी अवधि 14 जून से पहले समाप्त हो रही थी, अब 29 जून तक प्रभावी रहेंगे।
न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की पीठ ने यह आदेश स्वतः संज्ञान लेते हुए पास किया है ताकि अदालत तक नहीं पहुंच पाने के कारण मुक़दमादारों को कोई मुश्किल पेश न आए।
आदेश में कहा गया है कि
"इलाहाबाद हाईकोर्ट और उसकी लखनऊ पीठ सहित राज्य के उसके सभी अधीनस्थ ज़िला अदालतों, सिविल अदालतों, फ़ैमिली कोर्ट्स, श्रम अदालतों, औद्योगिक अधिकरण और अन्य सभी अधिकरण के सभी अंतरिम फ़ैसले जिनकी अवधि या तो बीत चुकी है या 19 मार्च 2020 के बाद बीत गयी है या एक माह की अवधि के भीतर जो बीत जाएगी, वे सब अब 29 जून 2020 तक प्रभावी रहेंगे। हालांकि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि जो अंतरिम आदेश सीमित अवधि के नहीं हैं और जो अगली आदेश तक प्रभावी रहनेवाले हैं, वे अप्रभावित रहेंगे।"
· अगर किसी अवधि के लिए अंतरिम ज़मानत दी गई है और अगर यह अवधि 10 जून 2020 को या इससे पहले समाप्त हो रही है तो अब यह आदेश 29 जून 2020 तक प्रभावी रहेगा।
· अगर किसी विचाराधीन क़ैदी या अवयस्क की ज़मानत को न्यायिक आदेश के द्वारा बढ़ा दिया गया और जो 14 जून 2020 को या उसके पहले समाप्त हो रहा है तो अब इसकी मियाद 29 जून 2020 तक रहेगी।
· अगर बेदख़ली, हटाए जाने या ढहाने जाने का कोई आदेश हाईकोर्ट, ज़िला या सिविल कोर्ट ने दिया है तो ये आदेश 29 जून 2020 तक या अगर किसी उपयुक्त अदालत ने कोई आदेश दिया है तो जो भी पहले है, उस तिथि तक स्थगित रहेंगे।
अदालत अब 26 जून 2020 को इस मामले पर आगे विचार करेगी।
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