इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई से पूछा, हाईकोर्ट के समक्ष एजेंसी का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार आखिर एक ही वकील को क्यों दिया गया है?

Update: 2020-09-08 08:16 GMT

सीबीआई की ओर से न्यायालय की सहायता के लिए कोई भी वकील उपलब्ध न होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप-कानूनी सलाहकार, सीबीआई, लखनऊ जोन को निर्देश दिया है कि वह व्यक्तिगत हलफनामा दायर करें, जिसमें बताया जाए कि हाईकोर्ट के समक्ष लंबित सभी मामलों में बहस करने के लिए केवल एक वकील को क्यों नियुक्त किया गया है?

न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह की पीठ ने कहा कि,

''यह बहुत अजीब है कि सीबीआई ने मामलों पर बहस करने के लिए केवल एक अधिवक्ता को रखा हुआ है और एएसजी की सहायता के लिए कोई भी उपलब्ध नहीं है। न्यायालय ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है क्योंकि एएसजी की अनुपस्थिति में सीबीआई की ओर से अदालत की सहायता के लिए कोई भी उपलब्ध नहीं है।''

न्यायालय इस मामले में एक पूर्व सहायक पोस्ट मास्टर की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था। जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत केस दर्ज किया गया था। साथ ही जालसाजी और खातों के फर्जीवाड़े के मामले में आईपीसी की धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया था।

जब अदालत ने इस जमानत याचिका पर सीबीआई की आपत्तियों को सुनना चाहा तो केंद्र सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता काजिम इब्राहिम ने अदालत को सूचित किया कि वह सीबीआई की ओर से बहस/ सहायता के लिए अधिकृत है।

इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या सीबीआई के पास कोई पैनल है या नहीं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केवल असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडे ही सीबीआई की ओर से इस मामले पर बहस करने के लिए अधिकृत हैं और इस काम के लिए किसी अन्य अधिवक्ता को अधिकृत नहीं किया गया है।

हालांकि, अभी एएसजी की तबीयत ठीक नहीं थी , इसलिए वह अदालत में पेश नहीं हो पाए हैं। इसलिए सीबीआई की ओर से दलीलें पेश करने के लिए कोई अधिकृत व्यक्ति या वकील नहीं है।

इन परिस्थितियों में न्यायालय ने उप कानूनी सलाहकार, सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह दो सप्ताह के भीतर व्यक्तिगत हलफनामा दायर करें। जिसमें बताया जाए कि हाईकोर्ट में दायर सीबीआई के सभी मामलों पर बहस करने का काम केवल एक ही अधिवक्ता को क्यों सौंपा गया है?

इस मामले में अब अगली सुनवाई 22 सितम्बर को होगी।

मामले का विवरण-

केस का शीर्षक- जवाहर लाल ऊर्फ जवाहर लाल जलज बनाम भारत संघ

केस नंबर-बेल अप्लीकेशन नंबर 3096/2020

कोरम-जस्टिस चंद्र धारी सिंह

आदेश की काॅपी डाउनलोड करें।



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