केंद्र ने कर्नाटक हाईकोर्ट में कहा, हवाई और रेल यात्रा के लिए आरोग्य सेतु को इंस्टॉल करना आवश्यक नहीं

Update: 2020-06-14 17:05 GMT

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि रेल और हवाई यात्रा के लिए आरोग्य सेतु को मोबाइल फ़ोन में इंस्टॉल करना आवश्य नहीं है और यह स्वैच्छिक है।

मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और जस्टिस ईएस इंद्रेश की खंडपीठ की मामले पर सुनवाई के दौरान एएसजी एमबी नारगुंड ने कहा कि कोई भी व्यक्ति आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड किए बिना हवाई और रेल यात्रा कर सकता है। हालांकि, यात्री को एक स्व घोषणा देनी होगी। आरोग्य सेतु को डाउनलोड करने की सलाह दी जाती है। अगर वे (यात्री) इसे चाहते हैं तो उन्हें इसे रखना चाहिए; अगर नहीं तो इसे नहीं रखें।

यह याचिका साइबर सिक्यरिटी कार्यकर्ता अनिवर ए अरविंद ने दायर की है।

अपने आदेश में अदालत ने कहा,

"जैसे कि एएसजी ने कहा है, अगर कोई यात्री हवाई यात्रा करना चाहता है और उसने आरोग्य सेतु डाउनलोड नहीं किया है तो भी वह दिए गए प्रारूप में स्व घोषणा देकर यात्रा कर सकता है, इसलिए किसी नागरिक के लिए यह ज़रूरी नहीं है कि वह हवाई यात्रा करने की पूर्व शर्त के रूप में यह सबूत पेश करे कि उसने आरोग्य सेतु डाउनलोड किया है। यात्रियों के लिए आवश्यक बनानेवाले इस दिशानिर्देश को संशोधित किया गया है और यात्रा करनेवालों के लिए इसे हिदायतनुमा बना दिया गया है। इससे स्पष्ट है कि अगर कोई व्यक्ति यात्रा करना चाहता है तो उसने इसे डाउनलोड नहीं भी किया है तो भी उसे यात्रा की इजाज़त होगी।" 

वरिष्ठ वक़ील कॉलिन गॉन्सल्वेज़ ने याचिकाकर्ता की पैरवी में कहा कि इस ऐप के प्रयोग को आवश्यक बनाने से संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।

याचिककर्ता ने कहा कि दुनिया के अनेक देशों ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के सम्पर्कों का पता लगाने के लिए ऐप लॉंच किया है पर इसे स्वैच्छिक बनाया गया है और इनमें से अधिकांश में ब्लूटूथ का प्रयोग होता है न कि यूज़र के लोकेशन का प्रयोग किया जाता है जैसा कि आरोग्य सेतु में कहा गया है।

यह भी कहा गया कि पुत्तस्वामी फ़ैसले के विपरीत यह ऐप ज़रूरत से ज़्यादा डाटा इकट्ठा कर रहा है। 

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