अपहरण का मामला: लापता सीपीएम कार्यकर्ता की पत्नी ने केरल हाईकोर्ट में हैबियस कॉपर्स याचिका दायर की

Update: 2021-10-29 09:30 GMT

केरल हाईकोर्ट

सीपीएम कार्यकर्ता की पत्नी ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (हैबियस कॉपर्स) के साथ केरल हाईकोर्ट का रुख किया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि उसके पति का अपहरण आगामी सीपीएम शाखा चुनाव से जुड़े कारणों से किया गया है।

याचिकाकर्ता को उसके पति के लापता होने के एक महीने बीत जाने के बावजूद जांच में कोई प्रगति नहीं होने के कारण अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

शुक्रवार को जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस सी. जयचंद्रन की खंडपीठ ने इस मामले में राज्य को नोटिस जारी किया।

याचिकाकर्ता के पति सजीवन पोरियांतेपरंबिल, सीपीएम पार्टी के सदस्य और एक मछुआरे हैं, वे 29 सितंबर से लापता हैं। वे उस दिन मछली पकड़ने के लिए घर से निकले, लेकिन वापस नहीं लौटे।

उसके लापता होने की सूचना उसी शाम अंबालाप्पुझा पुलिस स्टेशन में दी गई थी।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उसे आशंका है कि यह किसी व्यक्ति के लापता होने का नहीं बल्कि पार्टी के भीतर एक आपसी विवाद के संबंध में अपहरण का मामला है।

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के इलाके में लंबे समय से पार्टी के दो गुट हैं, जिन्हें अक्सर क्रमशः 'आधिकारिक गुट' और 'विद्रोही गुट' कहा जाता है। कथित तौर पर विद्रोही गुट इलाके में काफी मजबूत हैं।

पार्टी की सबसे निचली इकाई शाखा समिति है। याचिकाकर्ता के पति ऐसी ही एक शाखा समिति के सदस्य हैं और उक्त शाखा की बैठक 30 सितंबर को होने वाली थी। संजीवन की अनुपस्थिति के कारण यह बैठक अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।

जांच में कोई प्रगति नहीं होने पर, याचिकाकर्ता ने 6 अक्टूबर को जिला पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया और तत्काल कार्रवाई की मांग की, लेकिन उसके पति के बारे में अभी भी कोई जानकारी नहीं है।

तदनुसार, याचिकाकर्ता ने आग्रह किया है कि चूंकि उसके पति का पता लगाना स्टेशन हाउस अधिकारी और पुलिस अधीक्षक का वैधानिक कर्तव्य है। इसलिए इस मामले में सुस्त रवैया अपनाना उनके लिए अवैध है।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सोनू ऑगस्टीन और अधिवक्ता वी. प्रवीण पेश हुए।

केस का शीर्षक: सजिता सजीवन बनाम स्टेशन हाउस ऑफिसर एंड अन्य।

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