सुप्रीम कोर्ट में 52 हैबियस कार्पस याचिकाएं लंबित : केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया

Habeas Corpus Pleas Pending, Supreme Court, Lok Sabha

Update: 2021-12-17 13:52 GMT

सुप्रीम कोर्ट

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि 13.12.2021 तक सुप्रीम कोर्ट में 52 बंदी प्रत्यक्षीकरण (habeas corpus cases) मामले लंबित हैं। लिखित उत्तर में बताया गया कि देश में हाईकोर्ट के समक्ष लंबित मामलों की संख्या को भी सूचीबद्ध किया गया है।

लिखित उत्तर में कहा गया कि 30.11.2021 तक पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष कुल 396 हैबियस कार्पस याचिकाएं लंबित हैं। वर्ष 2020 तक यह आंकड़ा 412 था।

उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के बाद लंबित मामलों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है। एमपी हाईकोर्ट 01.12.2021 तक कुल 97 बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं लंबित हैं। भारी संख्या में लंबित मामलों का कारण न्यायाधीशों के रिक्त पद हैं।

देश की संवैधानिक अदालतों में लंबित बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं की संख्या पर सांसद जगदंबिका पाल द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी गई। प्रश्न में पिछले तीन वर्षों में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामलों की संख्या जानने की भी मांग की गई।

जवाब में 2018-2020 में गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की संख्या, दर्ज मामले और दोषसिद्धि पर राज्य-वार डेटा दिया गया। सदन को सूचित किया गया है कि वर्ष 2020 में यूएपीए अधिनियम के तहत 1321 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उसी वर्ष, 796 मामले दर्ज किए गए और 80 व्यक्तियों को अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया।

Tags:    

Similar News