प्रश्नों का ग़लत अनुवाद : कलकत्ता हाईकोर्ट ने एनईईटी के उम्मीदवार को 20 अतिरिक्त अंक देने के आदेश दिए [निर्णय पढ़ें]

Update: 2019-01-05 13:27 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट ने एनईईटी की परीक्षा में बैठने वाले छात्र को 20 अतिरिक्त अंक देने का निर्देश दिया है। इस छात्र का प्रश्नोत्तर ग़लत इसलिए हो गया क्योंकि प्रश्न का ग़लत अनुवाद किया गया था।

वसीम अक़रम हुसैन ने बांग्ला में यह परीक्षा दी थी और उसने हाईकोर्ट में यह कहते हुए अपील की कि सात प्रश्नों का ग़लत अनुवाद होने के कारण उसके प्रश्नोत्तर ग़लत हो गए और उसको इन प्रश्नों को अंग्रेज़ी से तुलना करने में काफ़ी वक़्त लग गया। उसने हाईकोर्ट में अपील कर अतिरिक्त अंक दिए जाने की माँग कि।

सीबीएसई ने इस अपील का यह कहकर विरोध किया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने हाल के एक फ़ैसले में मद्रास हाईकोर्ट के एक फ़ैसले को निरस्त कर दिया जिसमें तमिल में हुए प्रश्नों के ग़लत अनुवाद के लिए मुआवज़े के रूप में अतिरिक्त अंक की माँग की गई थी।

हालाँकि, न्यायमूर्ति अरिंदम सिन्हा ने कहा, "उसको यह कहकर अंक नहीं देना कि उसे अंग्रेज़ी से इन प्रश्नों को मिला लेना चाहिए था, अन्यायपूर्ण होगा…"

इसके बाद पीठ ने कहा कि छात्र ने ग़लती से पाँच में से चार प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश की और वह एक प्रश्न का ही उत्तर दे पाया। बोर्ड को निर्देश दिया जाता है कि वह इस अपीलकर्ता छात्र को इन चार प्रश्नों के बदले 16 अतिरिक्त अंक दे और इन प्रश्नों पर नेगेटिव मार्किंग के कारण उसे चार और अंक दे। इस तरह याचिकाकर्ता को अतिरिक्त 20 अंक मिलेंगे। 


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