करूर भगदड़ के लिए TVK की लापरवाही, विजय की देरी और कार्यकर्ताओं की अव्यवस्था ज़िम्मेदार : तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी हलफ़नामा रिपोर्ट में करूर स्टाम्पीड हादसे के लिए TVK पार्टी (अभिनेता-राजनेता विजय की पार्टी) के आयोजकों और कार्यकर्ताओं की “लापरवाह, लापरवाहीपूर्ण और असमंजसपूर्ण कार्रवाइयों” को ज़िम्मेदार ठहराया है। राज्य ने कहा कि पुलिस ने “काबिल-ए-तारीफ़ साहस और अनुशासन” के साथ काम किया और यह त्रासदी किसी पुलिस चूक के कारण नहीं, बल्कि आयोजकों के कृत्यों और भीड़ के व्यवहार से हुई।
यह हलफ़नामा अतिरिक्त गृह सचिव द्वारा उन याचिकाओं के जवाब में दाखिल किया गया, जिनमें CBI/SIT जाँच की मांग की गई थी। 13 अक्टूबर को जस्टिस जेके महेश्वरी और जस्टिस विजय विश्नोई की खंडपीठ ने अंतरिम आदेश जारी कर CBI को जांच सौंपी थी।
पुलिस ने “हीरोइक डिसिप्लिन” दिखाया: राज्य का दावा
हलफ़नामे के अनुसार, अंधेरा, भारी भीड़ और अफरा-तफरी के बावजूद पुलिस लगातार लोगों को एग्ज़िट रूट की ओर ले जाती रही और इमरजेंसी प्रतिक्रिया के लिए रास्ते साफ़ किए। खुद विजय ने अपनी कारवां से कहा कि वे “पुलिस की मदद के कारण ही स्थल तक पहुंच पाए” और उन्होंने पुलिस को धन्यवाद दिया। राज्य इसे पुलिस के अनुशासन और समर्पण का स्पष्ट प्रमाण बता रहा है।
रेस्क्यू के दौरान डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस ने अतिरिक्त एम्बुलेंस, फायर सर्विस और मेडिकल टीमों को बुलाया और समन्वित रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। घायलों को बिना देरी अस्पताल पहुँचाया गया।
आयोजकों की लापरवाही और उकसावे को बताया कारण
राज्य सरकार ने कहा कि TVK आयोजक पुलिस के निर्देशों और सुरक्षा प्रोटोकॉल का गंभीर उल्लंघन कर रहे थे।
पुलिस के अनुसार, उकसावे और अवज्ञा के बावजूद कार्यक्रम पुलिस नियंत्रण में रहा और विजय सुरक्षित रवाना हुए, क्योंकि पुलिस ने हालात को संभाल लिया था।
राज्य ने कहा कि स्टाम्पीड का “सीधा कारण” आयोजकों द्वारा सुरक्षा नियमों की अनदेखी और भीड़ प्रबंधन में विफलता था।
कुछ याचिकाकर्ताओं ने सुनवाई के दौरान आरोप लगाया था कि प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों ने भीड़ में चप्पल फेंककर भगदड़ करवाई।
घोषित संख्या से तीन गुना अधिक भीड़
TVK ने बताया था कि करूर जिले से 10,000 लोग आएंगे, लेकिन शुरुआती जांच में सामने आया कि कुल 28,000 से अधिक लोग पहुँचे, जिनमें पड़ोसी जिलों के लोग भी शामिल थे।
एक वायरल वीडियो में TVK कार्यकर्ताओं की तेज रफ्तार बाइक विजय के काफिले के सामने टकराते दिखी।
कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा एम्बुलेंस चालकों से बदसलूकी और एम्बुलेंस पर हमला करने के आरोप भी लगे, जिससे रेस्क्यू में बाधा आई।
राज्य ने बताया कि पहले प्रस्तावित स्थान—मनोहारा कॉर्नर, MGR मूर्ति, लाइटहाउस राउंडाना, नया बस स्टैंड—सुरक्षा कारणों से अस्वीकार किए गए थे। बाद में वेलुसामीपुरम को मंजूरी दी गई, जहाँ कुछ दिन पहले AIADMK की 15,000 लोगों की रैली सफलतापूर्वक आयोजित हुई थी।
पुलिस के मुताबिक TVK ने सुरक्षा योजना का उल्लंघन किया
TVK ने 10,000 उपस्थिति बताई थी, लेकिन पुलिस ने सोशल मीडिया और पिछले TVK आयोजनों को देखकर भीड़ 15,000–20,000 अनुमानित की और 606 पुलिस व होमगार्ड और 80 किमी के बैंडोबस्त का इंतज़ाम किया।
ड्रोन आधारित निरीक्षण और संयुक्त जांच की गई, लेकिन TVK कथित रूप से पार्किंग प्लान और क्रॉस-डिस्ट्रिक्ट मोबिलाइज़ेशन की जानकारी छिपाता रहा, जिससे ओवरक्राउडिंग हुई।
राज्य के अनुसार, “मजबूत पुलिस व्यवस्था के बावजूद” TVK के कृत्यों ने सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डाला और त्रासदी की स्थिति पैदा कर दी।
पोस्टमॉर्टम पारदर्शी और वैज्ञानिक था: राज्य
हलफ़नामे में बताया गया कि 39 मृतकों का पोस्टमॉर्टम 28 सितंबर की रात 1:45 बजे शुरू हुआ और पहला चरण 3:30 बजे तक पूरा हुआ।
40 डॉक्टरों की टीम तैनात थी।
राज्य ने पोस्टमॉर्टम को “तीन घंटे में पूरा करने” वाले आरोपों को “झूठा और आधारहीन” बताया।
हादसे के बाद हाई कोर्ट ने SIT गठित करने का निर्देश दिया था। कई FIR दर्ज की गईं। सुप्रीम कोर्ट के 13 अक्टूबर के आदेश के बाद जांच CBI को सौंपी गई।
राज्य ने सुप्रीम कोर्ट से CBI को जांच देने वाले अपने अंतरिम आदेश को वापस लेने का भी अनुरोध किया है।