Tirupati Laddu Row | हाईकोर्ट की टिप्पणी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची CBI

Update: 2025-09-22 08:22 GMT

सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को CBI डायरेक्टर की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें कहा गया कि तिरुमाला तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावटी घी के आरोपों की जांच के लिए SIT से बाहर के अधिकारी को नियुक्त करके उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया है।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने जब इस मामले की सुनवाई की तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अनुरोध किया कि चूंकि जांच अभी जारी है, इसलिए मामले की सुनवाई किसी और दिन के लिए रखी जाए।

इस पर विचार करते हुए खंडपीठ ने इसे शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की।

हाईकोर्ट के जस्टिस हरिनाथ एन ने कहा कि SIT के एक सदस्य जे वेंकट राव को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसरण में गठित SIT में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकारी के रूप में विशेष रूप से नामित नहीं किया गया। इसलिए हाईकोर्ट ने कहा कि जे वेंकट राव को SIT में शामिल नहीं किया जा सकता और वह जांच नहीं कर सकते।

हाईकोर्ट कडुरु चिन्नप्पन्ना नामक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने दावा किया कि उन्हें जांच अधिकारी जे वेंकट राव से उपस्थित होने के लिए नोटिस मिले थे, जिनमें उन्हें SIT के समक्ष "विभिन्न लिखित झूठे बयान दर्ज करने के लिए मजबूर, बाध्य और धमकाया गया"। इस कार्यवाही को एक वीडियो कैमरे द्वारा रिकॉर्ड किया गया। यह प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकर्ता को प्रतिवादी नंबर 10 के "निर्देशों के अनुसार बयान देने के लिए मजबूर" किया गया। याचिका में SIT द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए निर्देश देने की मांग की गई।

उन्होंने तर्क दिया कि हालांकि राव SIT के सदस्य नहीं थे। फिर भी वह याचिकाकर्ता को जांच के उद्देश्य से तिरुपति स्थित SIT ऑफिस में गवाह के रूप में उपस्थित होने के लिए बार-बार नोटिस जारी कर रहे हैं।

2024 में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपों की जांच के लिए स्वतंत्र विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया, जिसमें कहा गया कि SIT में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के दो अधिकारी शामिल होंगे, जिन्हें CBI निदेशक द्वारा नामित किया जाएगा, आंध्र प्रदेश राज्य पुलिस के दो अधिकारी जिन्हें राज्य सरकार द्वारा नामित किया जाएगा और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) का एक सीनियर अधिकारी शामिल होगा।

Case Details: THE DIRECTOR, CENTRAL BUREAU OF INVESTIGATION AND ORS. Versus KADURU CHINNAPPANNA AND ORS. SLP(Crl) No. 12653/2025

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