न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए परमानेंट कॉलेजियम सेक्रेटिएट की सहायता के लिए सुप्रीम कोर्ट की रिसर्च विंग: चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

Update: 2023-04-14 06:23 GMT

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डॉ. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने 11 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कॉलेजियम सिस्टम के कामकाज में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए पहले से की गई पहल और अपनी योजनाओं को साझा किया।

उन्होंने कहा कि सीजेआई के रूप में शपथ लेने के बाद उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कॉलेजियम के प्रस्तावों में विस्तृत कारण दिए गए हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया गया।

उन्होंने साझा किया कि उन्होंने अब सुप्रीम कोर्ट के रिसर्च विंग यानी सेंटर फॉर रिसर्च एंड प्लानिंग (सीआरपी) को निर्देश दिया गया कि कॉलेजियम के निर्णय लेने में अधिक निष्पक्षता लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के परमानेंट सेक्रेटिएट की सहायता करें।

सीजेआई ने सीआरपी से वरिष्ठता के संदर्भ में हाईकोर्ट के शीर्ष पचास न्यायाधीशों पर उनके द्वारा पारित आदेशों की नंबर, दिए गए निर्णयों के नंबर आदि से संबंधित डेटा एकत्र करने के लिए कहा।

सीजेआई ने कहा,

"ऐसा कभी नहीं किया गया। विचार यह है कि कॉलेजियम जो काम करता है उसमें वस्तुनिष्ठता की भावना को बढ़ावा देना है। इसलिए रिसर्च और योजना केंद्र अब परमानेंट सेक्रेटिएट के साथ अपनी गतिविधियों के लिए विलय कर देगा।

सीजेआई ने आगे कहा,

"सेंटर फॉर रिसर्च एंड प्लानिंग में कुछ असाधारण प्रतिभाशाली युवा हैं। सीआरपी, जिसकी परिकल्पना तत्कालीन सीजेआई टीएस ठाकुर ने की थी, उसमें अब प्रतिनियुक्ति पर रजिस्ट्री में तैनात दो अधिकारी शामिल हैं।

सीजेआई ने साझा किया कि उनमें से एक पंजाब एंड हरियाणा न्यायपालिका का न्यायिक अधिकारी है, दूसरा उसका पूर्व लॉ क्लर्क है, जो एलएलएम के लिए हार्वर्ड लॉ स्कूल गया और फिर जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल में पढ़ाई की।

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