सुप्रीम कोर्ट ने बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम 2020 को चुनौती देने वाली सभी रिट याचिकाओं को मद्रास हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया

Update: 2022-10-17 08:38 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम 2020 की वैधता को चुनौती देने वाली विभिन्न हाईकोर्ट के समक्ष दायर सभी रिट याचिकाओं को मद्रास हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया।

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दायर स्थानांतरण याचिकाओं को अनुमति देने के आदेश में कहा,

"चूंकि स्थानांतरित की गई याचिकाएं देश में विभिन्न हाईकोर्ट के समक्ष दायर की गई हैं, इसलिए यह उचित होगा कि याचिकाओं की सुनवाई करने वाली खंडपीठ ऐसे पक्षों को अनुमति देती है, जो वर्चुअल मंच के माध्यम से उपस्थित होने की इच्छा रखते हैं।"

अदालत ने देखा कि इस मामले में रिट याचिकाएं आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, मद्रास, पंजाब एंड हरियाणा, उत्तराखंड, इलाहाबाद, राजस्थान और बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष लंबित हैं।

अदालत ने देखा,

"हाईकोर्ट के समक्ष कुछ रिट याचिकाओं में संशोधन अधिनियम को चुनौती दी गई है, कुछ में सर्कुलर की वैधता को चुनौती दी गई है, जबकि अन्य में संशोधन अधिनियम और सर्कुलर दोनों को चुनौती दी गई है। रिट याचिकाओं में शामिल सामान्य प्रश्नों के लिए और न्याय के हित में सभी रिट याचिकाओं को अंतिम निपटान के लिए एक हाईकोर्ट में स्थानांतरित करना उचित होगा ... हम तदनुसार निर्देश देते हैं कि बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम 2020 (2020 का अधिनियम संख्या 39) की वैधता को चुनौती देने वाली विभिन्न हाईकोर्ट के समक्ष लंबित सभी रिट याचिकाएं मद्रास हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दी जाए।"

अदालत ने कहा कि संशोधन अधिनियम और/या सर्कुलर की वैधता को चुनौती देने वाली भविष्य में दायर होने वाली कोई भी याचिका संबंधित हाईकोर्ट द्वारा तुरंत मद्रास हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दी जाए।

बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2020

बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2020 का घोषित उद्देश्य 'जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना और सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक के नियामक ढांचे के तहत लाकर उनके कामकाज को विनियमित करना है।'

उठाए गए तर्क मुख्य रूप से हैं- (1) संविधान की 7 वीं अनुसूची में सूची II में मद 32 के तहत राज्यों की विधायी शक्ति को छीन लेता है और क्या इसे असंवैधानिक घोषित किया जा सकता है। अन्य विवाद (2) भारत के संविधान के भाग IXB को भारत संघ बनाम राजेंद्र एन. शाह मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया है। इस प्रकार बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2020 को लागू करने के आधार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया।

मामले का विवरण

भारतीय रिजर्व बैंक बनाम बिग कांचीपुरम सहकारी टाउन बैंक लिमिटेड | 2022 लाइव लॉ (एससी) 850 | स्थानांतरण याचिका (सिविल) नंबर 659-678/2022 | 14 अक्टूबर, 2022 | जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली

हेडनोट्स

बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2020 - आरबीआई द्वारा दायर स्थानांतरण याचिकाएं - बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम 2020 और/या सर्कुलर दिनांक 25 जून, 2021 की वैधता को चुनौती देने वाली सभी रिट याचिकाएं मद्रास हाईकोर्ट के समक्ष दायर करने के लिए स्थानांतरित की गई।

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