दिल्ली सरकार की घर-घर राशन वितरण योजना को लागू करने के खिलाफ केंद्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 15 नवंबर को सुनवाई करेगा

Update: 2021-11-12 13:37 GMT

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट के 27 सितंबर के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका को सोमवार, 15 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश ने दिल्ली सरकार की राशन की डोरस्टेप ड‌िलेवरी योजना के कार्यान्वयन का रास्ता खोला था।

जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने यह बताए जाने के बाद कि दिल्ली सरकार ने मामले में दस्तावेजों का संकलन दायर किया है, मामले को 15 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया।

हालांकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले को कल पोस्ट किए जाने का अनुरोध किया था। पीठ ने कहा कि उसके पास कल सुनवाई के लिए कुछ अन्य मामले सूचीबद्ध हैं। दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अंतरिम आदेश के खिलाफ एसएलपी दायर की गई है और मुख्य मामला हाईकोर्ट में लंबित है।

दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने 27 सितंबर, 2021 को दिल्ली सरकार को उचित मूल्य की दुकानों की आपूर्ति में उन लोगों की सीमा तक कटौती करने की अनुमति दी थी, जिन्होंने डोर स्टेप डिलीवरी का विकल्प चुना है। कोर्ट ने यह देखते हुए आदेश पारित किया कि "भारी संख्या में लोगों" ने डोर स्टेप डिलीवरी का विकल्प चुना है।

कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह सभी उचित मूल्य के दुकानदारों को उन लोगों के बारे में जानकारी दे, जिन्होंने उनके घर पर राशन प्राप्त करने का विकल्प चुना है। जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की पीठ ने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया के बाद ही ऐसे उचित मूल्य के दुकानदारों को राशन की आपूर्ति करने की आवश्यकता नहीं है।

बेंच द्वारा 22 मार्च, 2021 के अपने पहले के आदेश को संशोधित करने के बाद यह प्रगति हुई है, जिसमें कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ, दिल्ली के सदस्यों को खाद्यान्न या आटे की आपूर्ति को रोकने या कम नहीं करने का निर्देश दिया था।

कोर्ट ने दिल्ली सरकार के बयान को भी रिकॉर्ड पर लिया कि पीडीएस योजना के तहत लाभार्थी, जो दरवाजे पर राशन वितरण का विकल्प चुनते हैं, उनके पास एक बार फिर से बाहर निकलने और उचित मूल्य की दुकानों से राशन लेने का विकल्प होगा।

केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार की इस योजना पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून में संशोधन किए बिना लागू नहीं किया जा सकता है।

केस शीर्षक : यूनियन ऑफ इंडिया बनाम एनसीटी ऑफ दिल्ली गवर्नमेंट और अन्य| एसएलपी (सी) 17905/2021 और दिल्ली सरकारी राशन डीलर संघ-दिल्ली (डीएसआरडीएस-दिल्ली) बनाम आयुक्त, खाद्य और आपूर्ति और अन्य। एसएलपी (सी) संख्या 17123/2021

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