सुप्रीम कोर्ट एक 14 वर्षीय लड़की की गर्भपात को लेकर दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा, मेडिकल बोर्ड को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट देने को कहा

Update: 2021-03-06 05:18 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक 14 साल की लड़की की उस याचिका पर सुनवाई को स्थगित कर दिया था, जिसमें उसने 26 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की मांग की थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट अब उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।

सीजेआई बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की तीन-न्यायाधीश पीठ ने मेडिकल बोर्ड को चिकित्सा समाप्ति की व्यवहार्यता पर अपनी रिपोर्ट एक सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

इसके बाद कोर्ट सोमवार यानी 8 मार्च 2021 को इस मामले की सुनवाई करेगा।

इसी खंडपीठ के समक्ष अंतिम सुनवाई में पीड़ित लड़की की ओर से पेश हुए अधिवक्ता वीके बीजू ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि वह मेडिकल बोर्ड को निर्देश दे कि वह मामले को देखे और मामले की जल्द सुनवाई करे, क्योंकि लड़की गर्भावस्था के 26 वें सप्ताह में पहले से ही है।

न्यायालय ने हालांकि भारत सरकार हरियाणा राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और 5 मार्च 2021 तक मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट मांगी थी।

वर्तमान मामले में यह आरोप लगाया गया है कि 8वीं कक्षा की छात्रा और 14 साल की पीड़िता याचिकाकर्ता पीड़िता का उसके पहले पिता के चचेरे भाई द्वारा बलात्कार किया गया था। उसका आरोप है कि आरोपी ने उसके साथ बलात्कार किया और उसे धमकी देने के लिए उसकी नग्न तस्वीरों का भी इस्तेमाल किया। अल्ट्रा साउंड रिपोर्ट के अनुसार, लड़की 25-27 सप्ताह और 2 दिन, प्लस या माइनस दो सप्ताह की गर्भवती है।

याचिकाकर्ताओं ने यह भी आधार लिया है कि चूंकि आरोपी पीड़ित याचिकाकर्ता का प्रत्यक्ष रक्त रिश्तेदार है, इसलिए जन्म लेने वाले बच्चे में मानसिक और शारीरिक असामान्यताएं हो सकती हैं और इसलिए गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

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