'अभियुक्त को ट्रायल के दौरान दिल्ली में रहने की व्यवस्था करनी होगी': सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट जमानत शर्त खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (21 अक्टूबर) को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा हत्या के मामले में लगाई गई ज़मानत शर्त खारिज की। उक्त शर्त के अनुसार अभियुक्त को दिल्ली में रहने और मुकदमे के दौरान दिल्ली में रहने की व्यवस्था करनी होगी।
जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने ज़मानत शर्तों के खिलाफ़ अभियुक्त द्वारा दायर एसएलपी पर विचार करते हुए इस शर्त को “अजीब” पाया और कहा,
“हाईकोर्ट ने पाया कि अपीलकर्ता ज़मानत पर रिहा होने का हकदार है। हालांकि, हाईकोर्ट ने अपीलकर्ता को दिल्ली में रहने और मुकदमे के समापन तक दिल्ली में रहने का निर्देश देने की अजीब शर्त लगाई है। ऐसी शर्त को ज़मानत की शर्त नहीं कहा जा सकता।”
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि इस विशेष शर्त के साथ-साथ दो अन्य संबंधित प्रतिबंधों को भी हटा दिया जाए। जिन अन्य शर्तों को खारिज किया गया, उनमें अपीलकर्ता को ट्रायल कोर्ट की अनुमति के बिना दिल्ली छोड़ने पर प्रतिबंध और सप्ताह में तीन बार दिल्ली के स्थानीय पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने की आवश्यकता शामिल थी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत आदेश की शर्तों ii, iv और v को खारिज करते हुए आंशिक रूप से अपील स्वीकार की। न्यायालय ने आगे निर्देश दिया कि अपीलकर्ता को मुकदमे की अवधि के दौरान हर महीने की 1 और 15 तारीख को सुबह 10 बजे से 11 बजे के बीच स्थानीय पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने की आवश्यकता वाली एक नई शर्त लगाई जाए।
केस टाइटल- इकबाल अंसारी बनाम राज्य (एनसीटी दिल्ली)