खनन मामले में IAS अधिकारी वाई. श्रीलक्ष्मी के खिलाफ ट्रायल पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई

Update: 2025-08-29 11:22 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने ओबुलापुरम खनन घोटाले में IAS अधिकारी वाई. श्रीलक्ष्मी के खिलाफ मुकदमे पर रोक लगाई। अदालत ने तेलंगाना हाईकोर्ट द्वारा आरोपमुक्त करने की उनकी याचिका खारिज करने के आदेश के खिलाफ अधिकारी की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए यह अंतरिम आदेश पारित किया।

श्रीलक्ष्मी ने अपने खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल होने के बाद निचली अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने प्रार्थना की थी कि उनके खिलाफ केवल संदेह है, जो आरोप तय करने के लिए पर्याप्त नहीं है। साथ ही विशिष्ट आरोपों के अभाव में वह आरोपमुक्त किए जाने की हकदार हैं। हालांकि, निचली अदालत ने 2022 में उनकी याचिका खारिज कर दी।

इसके विरुद्ध उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने पुनर्विचार याचिका स्वीकार की और 8 नवंबर, 2022 को याचिकाकर्ता को आरोपमुक्त कर दिया। इसके विरुद्ध CBI ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की, जिसने 7 मई को अपील स्वीकार की और मामले को तर्कसंगत आदेश पारित करने के लिए हाईकोर्ट को वापस भेज दिया। अंततः, हाईकोर्ट ने उसकी आपराधिक पुनर्विचार याचिका अस्वीकार की।

जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस एन.के. सिंह की खंडपीठ ने सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे द्वारा प्रस्तुत विशेष अनुमति याचिका पर नोटिस जारी किया। जस्टिस सुंदरेश ने मौखिक रूप से यह भी टिप्पणी की कि हाईकोर्ट का आदेश बहुत "अजीब" है।

25 जुलाई के आदेश द्वारा तेलंगाना हाईकोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120बी सहपठित धारा 409 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) सहपठित धारा 13(1)(डी) के तहत दंडनीय कथित अपराधों के लिए आगे की सभी कार्यवाहियों पर रोक लगाने से इनकार किया।

उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के अनुसार, 2006 से 2009 के बीच आंध्र प्रदेश सरकार में उद्योग एवं वाणिज्य सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने अंतिम पट्टे में 'कैप्टिव माइनिंग' की शर्त शामिल न करके लोक सेवक के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और मेसर्स ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में दो सरकारी अधिसूचनाएं जारी कीं।

उन्होंने कथित तौर पर खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 और खनिज रियायत नियम, 1960 में निर्धारित सभी नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करके अन्य आरोपियों को सरकार को धोखा देने में मदद की और इस प्रकार सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया।

Case Details: SRI LAKSHMI Y Vs THE STATE OF TELANGANA|SLP(Crl) No. 12594/2025 Diary No. 45017 / 2025

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