बॉम्बे हाईकोर्ट अनिल देशमुख की जमानत अर्जी पर तेजी से सुनवाई करेगाः सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जताई

Update: 2022-05-31 07:23 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन दायर करने की स्वतंत्रता दी। इस आवेदन में ईडी द्वारा जांच की जा रही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत अर्जी को जल्द से जल्द सूचीबद्ध करने की मांग की गई थी।

कोर्ट ने कहा कि उसे उम्मीद और भरोसा है कि हाईकोर्ट मामले की सुनवाई तेजी से करेगा।

जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बीवी नागरथाना की अवकाश पीठ ने देशमुख को यह विचार करने के बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी कि हालांकि जमानत 25 मार्च को दायर की गई है, लेकिन समय की कमी के कारण हाईकोर्ट द्वारा तीन बार सुनवाई नहीं की जा सकी।

देशमुख के लिए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कहा कि उनका एकमात्र अनुरोध हाईकोर्ट द्वारा उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए था।

सिब्बल ने आगे कहा,

"मैं केवल यह चाहता हूं कि मेरे आवेदन पर सुनवाई हो। इसे फिर से सुना जाए। वह बहुत बीमार व्यक्ति है और 73 साल का है। इसे 25 मार्च को दायर किया गया था।"

तदनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा,

"आवेदन 25 मार्च को दायर किया गया था और तीन मौकों पर सूचीबद्ध किया गया। ऐसा प्रतीत होता है कि इसे समय की कमी के कारण इसे सुना नहीं जा सका। याचिकाकर्ता अपनी जमानत की जल्द से जल्द सूची के लिए आवेदन दायर करने के लिए स्वतंत्र है। हम आशा और विश्वास करते हैं कि मामले की शीघ्र सुनवाई की जाएगी। आवेदन को बोर्ड पर लिया जाएगा और शीघ्रता से सुनवाई की जाएगी। उपरोक्त अवलोकन के साथ आवेदन का निपटारा किया जाता है।"

देशमुख ने अपनी जमानत याचिका स्थगित करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेशों का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

हाईकोर्ट के समक्ष देशमुख ने विशेष अदालत द्वारा राहत देने से इनकार करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच किए जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुणदोष के आधार पर जमानत मांगी है।

देशमुख 3 नवंबर, 2021 से हिरासत में हैं। उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की, जबकि ईडी ने देशमुख को पूरी साजिश का मास्टरमाइंड बताते हुए अपना जवाब दाखिल किया।

ईडी द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष दायर हलफनामे में कहा गया,

"आवेदक (देशमुख) अपने बेटे हृषिकेश देशमुख, सचिन वेज़ (बर्खास्त पुलिस अधिकारी), संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे (देशमुख के पूर्व सहयोगी) के साथ बार और रेस्तरां मालिकों से धन इकट्ठा करने की रची गई पूरी साजिश का मास्टरमाइंड है...आवेदक मुख्य साजिशकर्ता है।

देशमुख की जमानत का विरोध करते हुए ईडी ने हलफनामे में आगे कहा,

"देशमुख ने जांच में सहयोग नहीं किया है और धन के स्रोत की व्याख्या करने में सक्षम नहीं है और वास्तविक तथ्यों को छिपा रहा है।"

केस टाइटल: अनिल देशमुख बनाम महाराष्ट्र राज्य

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