सुप्रीम कोर्ट ने कलेक्टर से वकील अशोक पांडे पर लगाए गए एक लाख रुपये के जुर्माने की वसूली पर मांगी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देने वाली तुच्छ याचिका दायर करने के लिए लखनऊ के वकील पर लगाए गए जुर्माने की राशि भू-राजस्व के बकाए के रूप में क्यों नहीं वसूली गई।
20 अक्टूबर, 2023 को याचिकाकर्ता एडवोकेट अशोक पांडे ने याचिका दायर कर दलील दी कि एक बार जब कोई सांसद आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण अपना पद खो देता है तो वह हाईकोर्ट द्वारा बरी किए जाने तक अयोग्य बना रहेगा।
जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका (PIL) खारिज करते हुए कहा कि यह याचिका "कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग" के अलावा कुछ नहीं है, क्योंकि इसमें याचिकाकर्ता के किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया, जिससे वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत असाधारण अधिकारिता का उपयोग करने में सक्षम हो सके।
इसने एडवोकेट कल्याण कोष में जमा करने के लिए 1,00,000/- रुपये (केवल एक लाख रुपये) का जुर्माना लगाया। उक्त 1,00,000/- रुपये की राशि में से 50,000/- रुपये सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को दिए जाने थे, जिसका उपयोग लाइब्रेरी के उद्देश्य के लिए किया जाना था और 50,000/- रुपये सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन को उसके अधिवक्ता कल्याण कोष के लिए दिए जाने थे।
न्यायालय ने कहा कि यदि जुर्माना अदा नहीं किया जाता है तो इसे याचिकाकर्ता से भूमि राजस्व के बकाया के रूप में वसूला जाएगा।
न्यायालय के आदेश का पालन न करने पर जस्टिस गवई और जस्टिस ए.जी. मसीह की खंडपीठ के समक्ष स्वप्रेरणा से विविध आवेदन आया। यह देखते हुए कि लागत का भुगतान नहीं किया गया, इसने कलेक्टर से रिपोर्ट माँगते हुए आदेश पारित किया कि लागत की वसूली क्यों नहीं की गई।
इसने आदेश दिया:
"हम कलेक्टर से रिपोर्ट मांगते हैं कि इस न्यायालय द्वारा पारित आदेश और लागत को भू-राजस्व के बकाया के रूप में क्यों नहीं वसूला गया। रिपोर्ट चार सप्ताह में प्रस्तुत की जाए।"
वकील द्वारा दायर अन्य याचिका में पूर्व चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने पांडे पर पांच लाख का जुर्माना लगाया था, क्योंकि उन्होंने याचिका दायर करके तर्क दिया था कि बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा ली गई शपथ अमान्य है, क्योंकि उन्होंने 'मैं' शब्द का प्रयोग नहीं किया।
पांडे ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देते हुए एक और याचिका दायर की।
केस टाइटल: अशोक पांडे बनाम लोकसभा अध्यक्ष और अन्य | एमए 479/2025 डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 1202/2023 में