सुप्रीम कोर्ट ने PFI नेता को मेडिकल आधार पर जमानत देने से किया इनकार

Update: 2025-06-26 05:10 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के नेता एएस इस्माइल की मेडिकल आधार पर जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार किया। इस्माइल पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस नोंगमईकापम कोटिस्वर सिंह की खंडपीठ ने यह जांच करने के लिए नोटिस जारी किया कि क्या तिहाड़ जेल नंबर 3 में उपलब्ध फिजियोथेरेपी सुविधाएं इस्माइल को भी दी जा सकती हैं, जो वर्तमान में तिहाड़ जेल नंबर 1 में बंद हैं।

खंडपीठ ने कहा,

“हम अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की दिनांक 15.03.2025 की रिपोर्ट (पेपर बुक के पृष्ठ 236) पर विचार करते हुए याचिकाकर्ता को मेडिकल आधार पर जमानत देने पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं, हम प्रतिवादी को केवल यह जांचने के लिए नोटिस जारी कर रहे हैं कि क्या फिजियोथेरेपिस्ट सुविधा, जो याचिकाकर्ता के वकील के अनुसार तिहाड़ जेल-3 में उपलब्ध है, उसको भी दी जा सकती है।

अदालत ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को यह दवा उपलब्ध कराई जाए, जो वर्तमान में तिहाड़ जेल-1 में बंद है।

इस्माइल को अक्टूबर, 2024 में स्ट्रोक हुआ था। उसके बाद विभिन्न अस्पतालों में उसका इलाज किया गया। मेडिकल बोर्ड के अनुसार, उसे गहन फिजियोथेरेपी और ब्लड प्रेशर की निगरानी की आवश्यकता है।

सुनवाई के दौरान, खंडपीठ ने कहा कि इस्माइल इमरजेंसी मेडिकल स्थिति में नहीं है। हालांकि, इस्माइल की ओर से पेश वकील ने दावा किया कि उसे अब जेल में फिजियोथेरेपी के लिए नहीं ले जाया जा रहा है।

अदालत ने निर्देश दिया कि याचिका की कॉपी एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अर्चना पाठक दवे को दी जाए, जो जेल में फिजियोथेरेपी सुविधाओं के पहलू पर निर्देश प्राप्त कर सकती हैं। 27 जून, 2025 को अदालत को सूचित कर सकती हैं।

Case Title – AS Ismail v. National Investigation Agency

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