क्या जॉइन्ट सीएसआईआर-यूजीसी नेट एग्जाम 2019 का परिणाम एनटीए ए स्कोर कार्ड या फाइनल रिजल्ट द्वारा घोषित किया गया है? सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
जॉइन्ट सीएसआईआर-यूजीसी नेट एग्जाम-2019 की नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा 15 जनवरी, 2020 को घोषित रिजल्ट को फाइनल रिजल्ट घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
याचिका में यह मुद्दा उठाया गया कि क्या एनटीए द्वारा 15 जनवरी 2020 को घोषित जॉइन्ट सीएसआईआर-यूजीसी नेट एग्जाम- 2019 केवल स्कोर कार्ड है, इसके फाइनल रिजल्ट की घोषणा के बराबर नहीं है।
विनय पीसी द्वारा विशेष अनुमति याचिका को प्राथमिकता दी गई है, जिनकी गणित में सहायक प्रोफेसर के लिए उम्मीदवारी को केरल लोक सेवा आयोग ने इस आधार पर खारिज कर दिया था कि उसने राजपत्र अधिसूचना की अंतिम तिथि यानी 23.01.2020 के बाद ही नेट योग्यता हासिल की थी। उम्मीदवारी रद्द करने से व्यथित याचिकाकर्ता ने एनटीए को 23.01.2020 के बजाय 15.01.2020 के रूप में रिजल्ट घोषित करने की तारीख को सही करके और सही नेट योग्यता प्रमाण पत्र को फिर से जारी करने के लिए एनटीए को निर्देश देने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि हाईकोर्ट ने 5 अप्रैल, 2022 को यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि '15.01.2020 को घोषित रिजल्ट केवल एक स्कोर कार्ड था, फाइनल रिजल्ट की घोषणा की राशि नहीं'। ("आक्षेपित निर्णय")
याचिका में आकांक्षी ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा 15 जनवरी, 2020 को घोषित किए गए रिजल्ट में प्राप्त कुल अंक 110.500 (55%) थे और उसने जेआरएफ (नेट) -यूजीसी के लिए अर्हता प्राप्त की है और उसकी रैंक 101 नंबर है। इस पृष्ठभूमि के खिलाफ याचिका में कहा गया कि इससे यह स्पष्ट है कि सीएसआईआर द्वारा तैयार की गई मेरिट सूची में उसका रैंक नंबर 101 के रूप में दिया गया है और यह स्पष्ट रूप से उक्त रिजल्ट/स्कोर कार्ड जारी करने से पहले था।
याचिका ने रिट कोर्ट के फैसले की वैधता और शुद्धता को चुनौती देते हुए आगे कहा,
"रैंक नंबर अंक के कट ऑफ प्रतिशत को तय करने के बाद ही दिया जाता है और अजीब तरह से सीएसआईआर द्वारा जारी कट ऑफ प्रतिशत अदिनांकित है। उक्त रिजल्ट / स्कोर कार्ड दिनांक 15.01.2020 में निर्दिष्ट रैंक से यह स्पष्ट है कि कट ऑफ प्रतिशत 15.01.2020 से पहले सीएसआईआर द्वारा एनटीए को सूचित किया गया और उस रैंक के आधार पर 101 के रूप में दिया गया है और रिजल्ट / स्कोर कार्ड में शामिल किया गया है। माननीय हाईकोर्ट ने अस्पष्टता के बावजूद, दायर याचिका को गलत तरीके से खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता ने कहा कि 15.01.2020 को घोषित रिजल्ट केवल एक स्कोर कार्ड है, फाइनल रिजल्ट की घोषणा की राशि नहीं है।"
आक्षेपित फैसले पर रोक लगाने की मांग करते हुए याचिकाकर्ता ने याचिका में तर्क दिया कि हाईकोर्ट ने गलती से रिट को खारिज कर दिया है, भले ही प्रमाण पत्र को 'स्कोर कार्ड' के रूप में स्टाइल किया गया है, रिजल्ट के सभी विवरण उसी में शामिल हैं और उन्हें सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए फाइनल रिजल्ट माना जाना चाहिए।
एसएलपी एडवोकेट एलेक्स जोसेफ के जरिए दायर की गई है।
केस टाइटल: विनय पीसी बनाम एनटीए| एसएलपी (सी) 2022 का 11836