सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा पाए कैदी को पुलिस एस्कॉर्ट में मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी

Update: 2020-11-19 08:10 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा पाए एक कैदी को पुलिस एस्कॉर्ट में अपनी मृत मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी है।

विक्रम सिंह @ विक्की वालिया और जसवीर सिंह को 2005 में होशियारपुर के एक स्कूल के छात्र अभि वर्मा उर्फ ​​हैरी का अपहरण करने और एनेस्थीसिया के ओवरडोज से उसकी हत्या करने के जुर्म में दोषी ठहराया गया था और मौत की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में उनकी अपील खारिज कर मौत की सजा की पुष्टि की थी। 2017 में समीक्षा याचिकाएं भी खारिज हो गई थीं।

दया याचिका खारिज होने के बाद, उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने रिट याचिका को खारिज कर दिया था (एकल पीठ के फैसले को खंडपीठ ने बरकरार रखा था) और इसके बाद उन्होंने एसएलपी के जर‌िए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया कि विक्रम सिंह @ विक्की वालिया की माता की मृत्यु 13 नंवबर 2020 को हो गई थी और भोग समारोह सहित कुछ अंतिम संस्कार 19 नवंबर 2020 और 21 नवंबर 2020 को पटियाला में किया जाना है। इस लिए उन्हें उन कार्यक्रमों में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए।

इस संबंध में, स्टेट काउंसिल ने कहा कि मौत की सजा पाए व्यक्ति को पैरोल पर रिहा करने का कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि, उन्होंने सुझाव दिया कि दोषी को मांगी गई तरीखों पर सुबह 10 बजे से शाम 4.00 बजे तक अपनी मां के अंतिम संस्कार और समारोहों में शामिल होने की अनुमति दी जा सकती है,

बशर्ते वह हर समय पुलिस एस्कॉर्ट के साथ रहे। जस्टिस उदय उमेश ललित, विनीत सरन और एस रवींद्र भट की पीठ ने इस सुझाव को स्वीकार किया और निम्नलिखित निर्देश जारी किए:

a) विक्रम सिंह @ विक्की वालिया, 2005 के सेशन ट्रायल नंबर 24 में दोषी, को 19 नवंबर 2020 और 21 नवंबर 2020 को पुलिस एस्कॉर्ट में अपनी मां के अंतिम संस्कार और समारोहों में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी;

b) यह सुविधा संबंधित तारीखों पर केवल सुबह 10.00 बजे से शाम 4.00 बजे तक उपलब्ध होगी। शाम 4.00 बजे के बाद, विक्रम सिंह @ विक्की वालिया को संबंधित जेल में फिर से भेज दिया जाएगा;

c) यह सुविधा केवल पूर्वोक्त उद्देश्य के लिए उपलब्ध होगी और आवासीय पते के अलावा, जिसका विवरण यहां दिया गया है, उसे किसी अन्य स्थान पर नहीं ले जाया जाएगा। "हाउस नंबर 206, स्ट्रीट नंबर 2, बाबा दीप सिंह नगर, पटियाला, पंजाब।"

d) पुलिस एस्कॉर्ट द्वारा हर मामले में अत्यंत सावधानी बरती जाएगी।

केस: जसबीर सिंह @ जस्सा बनाम स्टेट ऑफ पुंजाब [SLP(Crl.) Nos.9650-9651 / 2019]

कोरम: जस्टिस उदय उमेश ललित, विनीत सरन और एस रवींद्र भट

प्रतिनिधित्व: सीनियर एडवोकेट वी गिरि, एओआर जसप्रीत गोगिया

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