सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ न्यायिक जांच की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की

Update: 2022-12-06 13:15 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस रिट याचिका को खारिज कर दिया जिसमें एक मामले में पारित एक आदेश के संबंध में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ न्यायिक जांच की मांग की गई थी।

पार्टी-इन-पर्सन के रूप में पेश हुए याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि पूर्व सीजेआई गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने "तानाशाही तरीके" से केवल 10 मिनट में उनके मामले को खारिज कर दिया था।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि यह आदेश एक कॉरपोरेट बॉडी को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए पारित किया गया था।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर वह फैसले से असंतुष्ट हैं तो उन्हें उपचारात्मक याचिका (curative petition) दायर करनी चाहिए।

सुनवाई में सीजेआई चंद्रचूड़ और पार्टी-इन-पर्सन मराठी में कुछ देर बातचीत करते रहे।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से कहा,

"लेबर कोर्ट ने आपके खिलाफ फैसला सुनाया है। आपने कहा था कि हाईकोर्ट ने गलत तरीके से उलट दिया गया है। पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी गई है, फिर आपने एक जनहित याचिका दायर की है। कभी-कभी जब आपको इतना गुस्सा आता है। आपको अब एक क्यूरेटिव पिटिशन दायर करनी होगी। बस यही रास्ता है। हमने अदालत की सहायता के लिए आपके लिए एक वकील नियुक्त किया है। हमने विस्तृत नोट ले लिए हैं। एक उपचारात्मक याचिका दायर करें।"

हालांकि, याचिकाकर्ता ने असहमति जताई और कहा कि वह "उपचारात्मक याचिकाओं में विश्वास नहीं करता। इसके बाद पीठ ने याचिका खारिज कर दी।

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