निमिषा प्रिया मामले में मीडिया पर रोक लगाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी किया। यह नोटिस धर्मप्रचारक डॉ. के.ए. पॉल की उस याचिका पर दिया गया, जिसमें यमन में मौत की सज़ा का सामना कर रही मलयाली नर्स निमिषा प्रिया के मामले से जुड़े घटनाक्रमों की रिपोर्टिंग मीडिया द्वारा करने से रोकने के लिए अस्थायी आदेश की मांग की गई।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि अटॉर्नी जनरल के कार्यालय को नोटिस दिया जाए और मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त, 2025 के लिए निर्धारित की। अदालत ने इस याचिका को अन्य याचिका के साथ संलग्न कर दिया, जिसमें केंद्र को निमिषा प्रिया की रिहाई सुनिश्चित करने के निर्देश देने की मांग की गई।
अदालत ने आदेश दिया,
"अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी किया जाए, जिसका जवाब 25 अगस्त, 2025 को दिया जाए। इस याचिका की एक प्रति अटॉर्नी जनरल के कार्यालय को दी जाए।"
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, पॉल ने कहा कि उन्हें निमिषा प्रिया और उनकी माँ का एक पत्र मिला, जिसमें अनुरोध किया गया कि इस मामले के बारे में कोई सार्वजनिक बयान न दिया जाए। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने शांतिदूत के रूप में दो बार निमिषा प्रिया की फांसी की बातचीत और उसे टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने बताया कि नाजुक बातचीत चल रही थी और दावा किया कि कुछ लोग झूठे दावे कर रहे हैं कि उन्होंने निमिषा प्रिया की ओर से पैसे दिए या बातचीत की। उन्होंने कहा कि निमिषा प्रिया को 24 या 25 अगस्त को फांसी दी जा सकती है और उन्होंने पूरी तरह से चुप्पी साधने का आदेश देने की मांग की।
उन्होंने कहा,
"उसे 24 या 25 अगस्त को मौत की सज़ा दी जाएगी। मैं इस मामले पर बात न करने के लिए सिर्फ़ तीन दिन चाहता हूं। पूरी तरह से चुप्पी साधने का आदेश। सरकार को बोलने दो। लेकिन उन दो लोगों को नहीं। वे लगातार मीडिया में आ रहे हैं और झूठे बयान दे रहे हैं।"
अदालत ने अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी किया, जिसका जवाब 25 अगस्त को दिया जाएगा।
Case Title – Dr. K. A. Paul @ Kilari Anand Paul v. Union of India