दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम में 'हीमोफीलिया' को शामिल करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने हीमोफीलिया फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दायर रिट याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 (RPwD Act) की धारा 34 के अंतर्गत हीमोफीलिया को शामिल करने या आरक्षण के उद्देश्य से हीमोफीलिया को बाहर रखने की धारा 34 को रद्द करने की मांग की गई।
जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की खंडपीठ ने इस मामले में नोटिस जारी किया और केंद्र सरकार से जवाब मांगा।
RPwD Act की धारा 34 के अनुसार, विशिष्ट दिव्यांगजनों के लिए 4% नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि एक मानक दिव्यांगता होने के बावजूद, इसे आरक्षण के उद्देश्य से बाहर रखा गया।
गौरतलब है कि खंडपीठ हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्तियों को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षाओं में बैठने से बाहर रखने से संबंधित अन्य रिट याचिका पर भी सुनवाई कर रही है। सितंबर में हुई सुनवाई के दौरान, जस्टिस कुमार ने पूछा था कि रक्त विकार को आरक्षण से बाहर रखने के पीछे विधायी तर्क क्या है।
दिलचस्प बात यह है कि हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्तियों को आरक्षण से बाहर रखने को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाएं विभिन्न हाईकोर्ट में भी लंबित हैं।
Case Details: HAEMOPHILIA FEDERATION INDIA & ANR. v UNION OF INDIA & ANR.|WRIT PETITION (CIVIL) Diary No(s).47246/2025