सुप्रीम कोर्ट ने CM सिद्धारमैया के 'इलेक्शन फ्रीबीज़' चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर जारी किया नोटिस

Update: 2025-12-08 07:03 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने 2023 के विधानसभा चुनाव में वरुणा सीट से कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने यह आदेश दिया।

हालांकि, बेंच शुरू में याचिका खारिज करने की सोच रही थी, लेकिन जब उसे बताया गया कि एस. सुब्रमण्यम बालाजी बनाम तमिलनाडु सरकार, (2013) 9 SCC 659 (क्या चुनाव से पहले के वादे भ्रष्ट काम हैं) का फैसला 3 जजों की बेंच के सामने चुनौती के लिए पेंडिंग है तो उसने नोटिस जारी किया और एक को-ऑर्डिनेट बेंच (जस्टिस एमएम सुंदरेश की अगुवाई में) ने आज ऐसे ही एक मामले में नोटिस जारी किया।

सुनवाई के दौरान जस्टिस नाथ ने सवाल किया,

"घोषणा पत्र जारी करना भ्रष्ट काम कैसे है?"

कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाला याचिकाकर्ता उस सीट का वोटर है, जिसने कांग्रेस नेता पर चुनावी गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी थी।

आसान शब्दों में कहें तो, कांग्रेस पार्टी के मैनिफेस्टो में कर्नाटक के लोगों को पांच गारंटी दी गईं: 'गृह ज्योति' - सभी घरों में 200 यूनिट फ्री बिजली, 'गृह लक्ष्मी' - परिवार की हर महिला मुखिया को हर महीने ₹2,000, 'अन्न भाग्य' - गरीबी रेखा से नीचे (BPL) वाले परिवार के हर सदस्य को हर महीने 10 किलोग्राम अनाज, 'युवा निधि' - बेरोज़गार ग्रेजुएट को दो साल के लिए हर महीने ₹3,000 और बेरोज़गार डिप्लोमा होल्डर को दो साल के लिए हर महीने ₹1,500 और 'उचित प्रार्थना/शक्ति' - पूरे राज्य में सभी महिलाओं को रेगुलर KSRTC/BMTC बसों में फ्री यात्रा।

याचिकाकर्ता के अनुसार, इस तरह की "फ्रीबीज़" का वादा करना करप्ट प्रैक्टिस है। उन्होंने तर्क दिया कि महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा (शक्ति स्कीम) जैसी स्कीमें संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन करती हैं और पुरुषों के साथ भेदभाव करती हैं। उन्होंने मांग की कि सिद्धारमैया का चुनाव रद्द किया जाए और उन्हें छह साल तक चुनाव लड़ने से रोका जाए।

Case Title: K. SHANKARA Versus SIDDARAMAIAH, Diary No. 61438-2025

Tags:    

Similar News