सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी आरोपियों के जमानत के बाद फरार होने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई, केंद्र सरकार से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी नागरिकों के बार-बार जमानत के बाद फरार होने और लापता होने की घटनाओं पर चिंता जताई।
कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए एक प्रक्रिया निर्धारित की जानी चाहिए, यदि पहले से नहीं है।
जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ साइबर धोखाधड़ी के मामले में नाइजीरियाई नागरिक को हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत को झारखंड राज्य द्वारा दी गई चुनौती पर सुनवाई कर रही थी।
सुनवाई के दौरान पीठ को बताया गया कि आरोपी ने जमानत के बाद फरार होने का फैसला किया और अब उसका पता नहीं चल रहा है। केंद्र सरकार के वकील अधिवक्ता कनु अग्रवाल ने पीठ को बताया कि केंद्र इस मामले पर काम कर रहा है।
खंडपीठ ने कहा,
"यह कोई अकेली घटना नहीं है, जो इस न्यायालय के समक्ष आई है और ऐसे मामले असामान्य नहीं हैं। इसलिए यदि पहले से कोई प्रक्रिया नहीं है तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए और अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं के बारे में एक प्रक्रिया निर्धारित की जानी चाहिए।"
खंडपीठ ने संघ को प्रक्रिया के बारे में न्यायालय को सूचित करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया।
केस टाइटल: झारखंड राज्य बनाम एलेक्स डेविड @ एमयू हेनरी एसएलपी (सीआरएल) 8629/2022