सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 के दौरान छात्रों से हॉस्टल का केवल 50% किराया वसूलने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली RGNUL की याचिका खारिज की

Update: 2023-01-21 10:32 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (RGNUL), पटियाला द्वारा दायर उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी कि स्टूडेंट से COVID-19 अवधि के लिए हॉस्टल का केवल 50% किराया लिया जाए और शेष राशि चार सप्ताह की राशि वापस की जाए।

हाईकोर्ट ने कहा आक्षेपित आदेश पारित करते हुए नोट किया कि यूनिवर्सिटी ने मेस, कैंटीन, दुकानों आदि के ठेकेदारों से केवल 25% किराया वसूल किया और यह देखा कि ऐसी पृष्ठभूमि में छात्रों से पूरे हॉस्टल का किराया वसूलने में बिल्कुल कोई औचित्य नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की खंडपीठ ने भी इस पर ध्यान दिया और यूनिवर्सिटी की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

RGNUL की ओर से पेश वकील ने कहा कि उसने स्टूडेंट के अधिकारों पर विचार किया और रेंट में कुछ छूट पहले ही दी जा चुकी है। हालांकि, उन्होंने गणितीय अनिश्चितता को इंगित करने का प्रयास किया।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से पैसा नहीं आ रहा है।

प्रस्तुत किया गया,

“हालांकि, सरकार से अत्यधिक बकाया हैं। राज्य हमें कोई धन उपलब्ध नहीं करा रहा है।”

जस्टिस गवई ने वकील से कहा कि यदि सरकार द्वारा यूनिवर्सिटी को धन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है तो वह सरकार के खिलाफ मुकदमा चलाए।

विवादित आदेश RGNUL के ग्रेजुएट स्टूडेंट द्वारा दायर पत्र पेटेंट अपील में पारित किया गया, जिसमें एकल-न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी गई, जिसने यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को विभिन्न मदों के तहत फीस कम करने/छूटने का निर्देश देने की मांग वाली उनकी रिट याचिका खारिज कर दी।

COVID-19 काल के दौरान स्टूडेंट से 100% हॉस्टल रेंट लेने के यूनिवर्सिटी के निर्णय में कोई औचित्य नहीं पाते हुए कोर्ट ने यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को निर्देश दिया कि स्टूडेंट को पहले से ही दिए जा रहे लाभ के अलावा, वह हॉस्टल रेंट का केवल 50% ही वसूल करे। स्टूडेंट से हॉस्टल रेंट और शेष राशि स्टूडेंट को (यदि जमा किया गया है) चार सप्ताह की अवधि के भीतर वापस कर देगा।

हाईकोर्ट ने कहा,

"चूंकि प्रतिवादी नंबर 2 अभी भी हॉस्टल रेंट का 50% शेष रहेगा। वही हमारे विचार में उन खर्चों के लिए पर्याप्त होगा, जो प्रतिवादी नंबर 2 ने हॉस्टल रेंट की मरम्मत और उसके रखरखाव पर खर्च किए होंगे।"

[केस टाइटल: राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बनाम पंजाब राज्य और अन्य। एसएलपी (सी) नंबर 924/2023]

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