सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के ग्राम पंचायत पदों में SC/ST को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (2 दिसंबर) को पंजाब के फिरोजपुर के गांव में ग्राम पंचायत चुनावों में अनुसूचित जातियों के लिए सीटों के आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सीजेआई खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नर द्वारा जारी दो सर्कुलर को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसके जरिए गांव के सरपंच की सीट को SC/ST के लिए तीन वार्डों में आरक्षित किया गया।
वकील ने तर्क दिया कि संबंधित गांव में सामान्य वर्ग की 98% आबादी रहती है।
हालांकि सीजेआई ने स्पष्ट किया कि वर्तमान परिदृश्य रोटेशन सिद्धांत के कारण है, जिसके आधार पर ग्राम पंचायत चुनावों में एससी के लिए सीटें आरक्षित की जाती हैं।
हालांकि, वकील ने जोर देकर कहा कि गांव में 335 लोगों में से केवल 5 लोग ही SC/ST से हैं।
इस पर सीजेआई ने जवाब दिया,
"लेकिन उन्हें एक मौका दिया जाना चाहिए, वरना वे कैसे आगे आएंगे?"
खंडपीठ को यह भी बताया गया कि हालांकि इस बार SC के लिए आरक्षण किया गया, लेकिन पिछले कुछ कार्यकालों में उनका प्रतिनिधित्व नहीं हुआ। चुनाव परिणामों से पहले रिट याचिका दायर की गई। न्यायालय ने कहा कि अब चुनाव याचिका दायर करने की समय सीमा समाप्त हो चुकी होगी। चुनाव के लिए मतदान 15 अक्टूबर को हुआ।
खंडपीठ ने यह भी कहा कि याचिका में किसी भी चुनाव नियम को चुनौती नहीं दी गई और याचिका पर आगे विचार करने से इनकार किया।
सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर को पंजाब ग्राम पंचायत चुनावों में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिकाओं में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए चुनाव न्यायाधिकरण को 6 महीने के भीतर चुनाव याचिकाओं पर फैसला करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने उन याचिकाकर्ताओं को भी अनुमति दी, जिनके नामांकन खारिज कर दिए गए, वे चुनावों को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट के समक्ष समीक्षा याचिका दायर कर सकते हैं।
केस टाइटल: जगदीश चंद्र और अन्य बनाम पंजाब राज्य और अन्य. एसएलपी(सी) नंबर 28828/2024