'फरवरी का फैसला सभी को कवर करता है': सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी परीक्षा में अतिरिक्त प्रयास की मांग वाली याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा (सोहन कुमार और अन्य बनाम भारत सरकार और अन्य) में अतिरिक्त मौका देने की मांग करने वाले छह सिविल सेवा उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया।
जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि यह मुद्दा रचना और अन्य बनाम भारत सरकार के मामले में 24 फरवरी को दिए गए फैसले से आच्छादित है, जहां अदालत ने यूपीएससी परीक्षा में अतिरिक्त मौका के अंतिम प्रयास के उम्मीदवारों द्वारा की गई याचिका को खारिज कर दिया था।
वर्तमान मामले में उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय ने प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता उस निर्णय से आच्छादित नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ऐसे व्यक्ति हैं, जो अक्टूबर 2020 की परीक्षा का प्रयास नहीं कर सके, क्योंकि वे COVID-19 से संक्रमित थे या उन्हें क्वारंटीन में रहना पड़ा था।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय ने कहा,
"निर्णय में COVID-19 उम्मीदवारों को शामिल नहीं किया गया है, जो क्वारंटीन में हैं।"
न्यायमूर्ति खानविलकर ने कहा,
"वह निर्णय सभी को कवर करता है।"
संक्षिप्त आदान-प्रदान के बाद पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।
पीठ ने आदेश में कहा,
"24 फरवरी, 2021 के हमारे पिछले फैसले में सब कुछ शामिल है। हम हस्तक्षेप करने से इनकार करते हैं। इस मुद्दे का जवाब पहले ही दिया जा चुका है।"
संबंधित नोट पर उसी पीठ ने अगले सप्ताह एक और याचिका स्थगित कर दी, जिसमें यूपीएससी मेन्स परीक्षा (वैदेही गुप्ता बनाम संघ लोक सेवा आयोग, डब्ल्यूपी (सी) संख्या 571/2021) को स्थगित करने की मांग की गई थी।